तिरुवनंतपुरम, 15 नवंबर (भाषा) केरल के राजस्व मंत्री के. राजन ने वायनाड में हुए भूस्खलन से प्रभावित लोगों के लिए राहत राशि रोकने पर केंद्र सरकार की शुक्रवार को कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि राज्य अपना अधिकार मांग रहा है, दान नहीं मांग रहा है।
मंत्री ने कहा कि केरल सरकार ने केंद्र से वायनाड के चूरलमाला और मुंदक्कई क्षेत्रों में हुए भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, इसके बावजूद उन्होंने (केंद्र ने) एनडीआरएफ के मानदंडों के अनुसार इसे आपदा की श्रेणी में सूचीबद्ध करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की और ‘‘जानबूझकर राज्य की उपेक्षा की है।’’
मंत्री ने केंद्र सरकार पर केरल को आपदा राहत पहुंचाने में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया तथा इसे राज्य के लिए चुनौती बताया।
उन्होंने बताया कि केरल के सहायता अनुरोध पर केंद्र सरकार ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
राजन ने केंद्र सरकार के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) में धनराशि उपलब्ध है। उन्होंने इस दावे को भ्रामक बताया।
उन्होंने कहा कि राज्य केंद्र के इस रुख को स्वीकार नहीं करेगा और केरल के उचित अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रहेगी।
इस बीच, केरल उच्च न्यायालय वायनाड त्रासदी से संबंधित मामले पर शुक्रवार को विचार करेगा।
मंत्री ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय द्वारा स्वतः संज्ञान लेकर दर्ज किया गया मामला शुक्रवार को अदालत के समक्ष आएगा और हम इस संबंध में केंद्र सरकार का रुख जानने की कोशिश कर रहे हैं।’’
वायनाड के मेप्पाडी पंचायत के अंतर्गत पुंचरीमट्टम, चूरलमाला और मुंदक्कई गांवों में 30 जुलाई को भीषण भूस्खलन हुआ था।
सरकार के अनुसार, इस आपदा में 231 लोगों की मौत हो गई जबकि 47 लोग अब भी लापता हैं।
भाषा प्रीति मनीषा
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