वैदिक रीति-रिवाजों के साथ बंद हुए केदारनाथ के कपाट

वैदिक रीति-रिवाजों के साथ बंद हुए केदारनाथ के कपाट

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  • Publish Date - November 3, 2024 / 01:45 PM IST,
    Updated On - November 3, 2024 / 01:45 PM IST

(तस्वीरों सहित)

देहरादून, तीन नवंबर (भाषा) केदारनाथ के कपाट रविवार को वैदिक रीति-रिवाजों के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस मौके पर 18,000 से अधिक श्रद्धालु वहां मौजूद थे।

बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने बताया कि मंदिर के कपाट बंद होने से पहले सुबह चार बजे वैदिक विधि-विधान व धार्मिक परंपराएं की गईं और सुबह साढ़े आठ बजे कपाट बंद कर दिए गए।

उन्होंने बताया कि कपाट बंद होने की धार्मिक परंपराएं देखने के लिए 18,000 से अधिक तीर्थयात्री वहां पहुंचे।

बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस बार 16.5 लाख से अधिक श्रद्धालु तीर्थयात्रा के लिए केदारनाथ पहुंचे।

गढ़वाल हिमालय में 11,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

हर साल लाखों तीर्थयात्री यहां पहुंचते हैं। सर्दियों में इसके बर्फ से ढक जाने के कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं।

गौड़ ने बताया कि भगवान शिव की मूर्ति को मंदिर के द्वार बंद होने से पहले पालकी में ओंकारेश्वर मंदिर में लाया गया, जहां सर्दियों के दौरान उनकी पूजा की जाएगी।

भाषा खारी शोभना

शोभना