नई दिल्ली। कश्मीर में इन दिनों टारगेट किलिंग के चलते माहौल बहुत तनावपूर्ण बना हुआ है। आतंकवादियों ने एक बार फिर कश्मीर को 90 के दशक में धकेल दिया है। कश्मीर में पिछले 26 दिनों में 10 हत्याएं हुई है। इन हमलों के बाद से कश्मीरी पंडितों क्ले पलायन का दौर शुरू हो गया है। इसके साथ ही कश्मीरी पंडितों ने दुःख, लाचारी और आक्रोश के चलते कश्मीर की घाटियों में सभी जगह प्रदर्शन भी स्थगित कर दिया हैं।
इसके साथ ही इस साल कश्मीरी पंडितों ने खीर भवानी मेले का विरोध करने का ऐलान किया है। इतना ही नहीं जो सरकारी कर्मचारी वहां हैं वो सुरक्षा मांग रहे हैं या तबादला चाहते हैं। कश्मीर में हालत बेहद खराब हो चुके हैं। कश्मीरी पंडितों को वहां इस बात का डर है कि पता नहीं कब, कहां से, कोई उन्हें गोली मार दे? हालांकि अबतक कई आतंकियों के मारे जाने की भी खबर सामने आई है। इसके बावजूद टारगेट किलिंग की घटनाएं नहीं रुक रहीं हैं। हाल ही गुरुवार को आतंकियों ने बैंक मैनेजर को अपना निशाना बना लिया और उसकी हत्या कर दी।
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एक रिर्पोट के अनुसार वहां के एक कर्मचारी अमित कौल ने एक न्यूज़ एजेंसी को बताया कि वहां की स्थिति बद से बद्तर होती जा रही है। 4 हत्याएं फिर हुई हैं। 30-40 परिवार शहर छोड़कर जा चुके हैं। हमारी मांग पूरी नहीं हुई। श्रीनगर में कोई स्थान सुरक्षित नहीं है। एक अन्य व्यक्ति ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रशासन कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यक हिंदुओं की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है। ऐसा लगता है जैसे उन पर मुगलों का शासन हो रहा है।
बता दें कश्मीर के बडगाम में 12 मई को राहुल भट की हत्या के बाद से घाटी से पलायन का सिलसिला जारी है। बडगाम में एक शेखपुरा पंडित कॉलोनी है। राहुल भट्ट यहीं रहते थे। यहां पहले कश्मीरी पंडितों के 350 परिवार रहते थे, लेकिन अब 150 परिवार वहां से निकल गए हैं।
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