नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान में लगातार बढ़ते तनाव को कम करने की कोशिशें जारी है। पहले पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर बनाने का ऐलान किया और फिर भारत सरकार ने भी करतारपुर कॉरिडोर बनाने का ऐलान किया है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू सोमवार को करतारपुर कॉरिडोर की नींव रखेंगे, इस दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी उनके साथ रहेंगे।
आपको बता दें कि सिखों के प्रथम गुरु नानकदेव ने करतारपुर में अपने जीवन के अंतिम कुछ साल व्यतीत किए थे. यहां पर एक गुरुद्वारा है, जिसे करतारपुर साहिब कहा जाता है। ये भारत-पाकिस्तान सीमा से चार किलोमीटर दूर है।
इसके तहत पाकिस्तान बॉर्डर से सटे मान गांव में डेरा बाबा नानक (पिंड) और करतारपुर साहिब रोड कॉरिडोर को तैयार किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, हरसिमरत कौर बादल भी इस मौके पर मौजूद रहेंगी।
बता दें कि 28 नवंबर को पाकिस्तान भी अपने इलाके में करतारपुर साहिब के लिए कॉरिडोर की नींव रखेगा। इस कार्यक्रम के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है, वहीं 5 किलोमीटर तक इलाके को सील किया गया है।
आजादी के बाद शायद ऐसा पहली बार होगा जब बिना किसी रोक-टोक के लोग बॉर्डर पार करेंगे। यही कारण है कि इस कॉरिडोर की भारत और पाकिस्तान के बीच अमन की एक नई आशा के तौर पर देखा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में कहा था कि किसने सोचा था कि बर्लिन की दीवार ढह सकती है और ये गलियारा सिर्फ एक सड़क नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच रिश्तों के पुल के तौर पर काम करेगा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कॉरिडोर के नींव रखने के कार्यक्रम में पंजाब सरकार में मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को न्योता भेजा है। हालांकि, सुषमा ने इस न्योते को स्वीकारने से इनकार कर दिया है। इस कार्यक्रम में भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी शामिल होंगे।