नई दिल्ली: करोलबाग विधानसभा सीट दिल्ली राज्य की 70 विधानसभा सीटों में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। मध्य दिल्ली जिले का हिस्सा यह इलाका नई दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में आता है। करोल बाग सीट इस बार आदिवासी आरक्षित है। करोल बाग सीट 1993 में अस्तीत्व में आया था। इस चुनाव में यहां से भाजपा ने जीत दर्ज की थी। देखा जाए तो यहां भाजपा और दिल्ल की सत्ता धारी पार्टी आप ने एक-एक दशक तक राज किया है। वहीं, कांग्रेस को जनता ने सिर्फ 5 साल राज करने का मौका दिया है।
अनुसूचित जाति बाहुल्य वाले करोल बाग विधानसभा क्षेत्र में 2003 से 2013 तक इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था। इससे पहले 1998 में यह सीट कांग्रेस के हाथ में थी। वहीं 2013 और 2015 से इस सीट पर आप के विशेष रवि का कब्जा रहा है।
2015 विधानसभा चुनाव
उम्मीदवार | पार्टी | वोट | वोटिंग परसेंटेज |
आम आदमी पार्टी | विशेष रवि | 67,429 | 59.80 |
भाजपा | योगेंद्र चंदोलिया | 34,549 | 30.64 |
कांग्रेस | मदन खोरवाल | 9,144 | 8.10 |
बसपा | योगेश | 559 | 0.50 |
2013 विधानसभा चुनाव
उम्मीदवार | पार्टी | वोट | वोटिंग परसेंटेज |
आम आदमी पार्टी | विशेष रवि | 35,818 | 35.06 |
भाजपा | सुरेंद्र पाल रतवाल | 34,068 | 33.34 |
कांग्रेस | मदन खोरवाल | 29,358 | 28.73 |
बसपा | जवाहर सिंह | 1,200 | 1.17 |
किस पार्टी से कौन है चुनावी मैदान में
करोल बाग विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर दो बार के विधायक विशेष रवि को चुनावी मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस गौरव धनक पर दांव खेला है और भाजपा ने योगेंद्र चंदोलिया को जीत का जिम्मा सौंपा है।
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मतदाताओं का आंकड़ा
करोलबाग सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। इस सीट की कुल आबादी में अनुसूचित जाति की जनसंख्या का अनुपात 40.59 फीसदी है। 2019 की मतदाता सूची के मुताबिक 1,73,939 मतदाता 183 मतदान केंद्रों पर वोटिंग करेंगे। 2015 के चुनाव में 68.48% मतदान हुए थे। बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को क्रमशः 30.64%, 8.11% और 59.8% वोट पड़े थे।