कर्नाटक:“हिजाब विरोधी रुख” के कारण प्रधानाचार्य को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार देने पर रोक

कर्नाटक:“हिजाब विरोधी रुख” के कारण प्रधानाचार्य को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार देने पर रोक

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  • Publish Date - September 5, 2024 / 07:08 PM IST,
    Updated On - September 5, 2024 / 07:08 PM IST

बेंगलुरु, पांच सितंबर (भाषा) कर्नाटक सरकार ने दो साल पहले राज्य में हिजाब विवाद के दौरान कथित तौर पर हिजाब विरोधी रुख अपनाने के कारण एक सरकारी कॉलेज के प्राचार्य को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक का पुरस्कार देने के अपने फैसले पर रोक लगा दी है। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि उडुपी जिले के कुंदापुरा स्थित सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्राचार्य रामकृष्ण बी. जी. को आज शिक्षक दिवस पर यह पुरस्कार मिलना था, लेकिन मुस्लिम समुदाय के कुछ कार्यकर्ताओं की ओर से कांग्रेस सरकार की आलोचना के बाद इस निर्णय को स्थगित कर दिया गया।

विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘शिक्षक के खिलाफ आक्रोश का कारण हिजाब विवाद के दौरान उनका कथित रुख है।’’

एक सूत्र ने कहा, ‘‘सरकार ने पहले उनके नाम की घोषणा की थी, लेकिन अब इस पर रोक लगा दी है।’’

रामकृष्ण ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। मैंगलोर सिटी नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक वाई. भरत शेट्टी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसने ‘जिहादियों के दबाव’ के आगे झुककर एक शिक्षक का अपमान किया है।

शेट्टी ने कहा, ‘‘कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने रामकृष्ण बी. जी. को दिया गया सर्वश्रेष्ठ राज्य स्तरीय शिक्षक का पुरस्कार वापस लेकर बहुत शर्मनाक काम किया है। राज्य सरकार ने सूची पर गौर करने के बाद पुरस्कार की घोषणा की थी और उन्हें पुरस्कार के लिए योग्य पाया था।’

उन्होंने कहा, ‘पुरस्कार वापस लेने के पीछे मुख्य कारण यह है कि जिहादी तत्वों, एसडीपीआई और पीएफआई जैसे संगठनों ने ट्वीट किया कि इस शिक्षक को यह पुरस्कार नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि हिजाब मुद्दे के दौरान उन्होंने हिजाब पहनने वाली छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश करने से रोक दिया था।’

विधायक ने कहा कि रामकृष्ण ने सरकारी कर्मचारी होने के नाते केवल उस समय के आधिकारिक आदेश का पालन किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षक समुदाय के लिए यह बहुत अपमानजनक है कि आप एक पुरस्कार की घोषणा करते हैं और फिर उसे वापस ले लेते हैं क्योंकि कुछ जिहादी तत्व आपको ऐसा करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।’’

भाषा

जोहेब संतोष

संतोष