कर्नाटक में सत्ता के लिए चल रहा सियासी नाटक अपने क्लामेक्स की ओर पहुंचने वाला है। कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों के बागी होने के बाद सूबे में बीजेपी के सत्ता वापसी के संकेत दिख रहे हैं। एक तरफ जहां सीएम कुमार स्वामी नए सिरे से कैबिनेट के गठन की बात कह चुके हैं। वहीं, दूसरी ओर आज मंत्री डीके शिवकुमार के बागी विधायकों से मिलने के लिए मुंबई पहुंचने के बाद सियासत गरमा गई है। बागी विधायकों ने जहां मंत्री शिवकुमार से मिलने से इंकार कर दिया है। पुलिस द्वारा शिवकुमार को होटल में जाने से रोका गया था, इसके बाद वे होटल के बाहर ही बैठ गए थे। मुंबई पुलिस द्वारा धारा 144 लागू होने के बाद शिवकुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने कांग्रेस और जेडीएस विधायकों के इस्तीफे पर कहा- कर्नाटक की कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन सरकार का पतन हो गया है, आंकड़े हमारे पक्ष में हैं औऱ अगर राज्यपाल हमें विश्वास मत परीक्षण का निर्देश देते हैं, तो हम तैयार है। बता दें कि बीजेपी के पास अभी 2017 विधायक है, 224 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 113 विधायकों की जरुरत है।
कर्नाटक के 10 बागी विधायकों की अपील पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस-जेडीएस के 10 बागी विधायकों से कहा है कि वे गुरुवार शाम 6 बजे कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष से जाकर मिलें और अपना निर्णय बताएं। इस दौरान अगर वे चाहें, तो अपना इस्तीफा दे सकते हैं। विधानसभा स्पीकर से कहा है कि वह विधायकों की बात को ध्यान से सुनें और अगर चाहें तो तुरंत निर्णय ले सकते।
कर्नाटक में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच 11 से 14 जुलाई तक राज्य विधानसभा में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके तहत विधानसभा में चार से अधिक लोग एक साथ इकट्ठे नहीं हो सकते हैं।
कर्नाटक और गोवा में विधायकों के दल-बदल पर बीएसपी चीफ मायावती ने बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘बीजेपी एक बार फिर कर्नाटक व गोवा आदि में जिस प्रकार से अपने धनबल व सत्ता का घोर दुरुपयोग करके विधायकों को तोड़ने आदि का काम कर रही है वह देश के लोकतंत्र को कलंकित करने वाला है. वैसे अब समय आ गया है जब दलबदल करने वालों की सदस्यता समाप्त हो जाने वाला सख्त कानून देश में बने