कर्नाटक में गाय का सिर काटने के मामले में पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया

कर्नाटक में गाय का सिर काटने के मामले में पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया

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  • Publish Date - January 21, 2025 / 08:03 PM IST,
    Updated On - January 21, 2025 / 08:03 PM IST

उत्तर कन्नड(कर्नाटक), 21 जनवरी (भाषा) कर्नाटक के उत्तर कन्नड जिले में एक गर्भवती गाय का सिर और पैर काटने, उसके बछड़े के अवशेष को क्षत-विक्षत करने के मामले में मंगलवार को पांच लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस के अनुसार कथित अपराधी गोवध के बाद उसका मांस ले गए और उसके सिर एवं पैर और बछड़े के अवशेष छोड़ गए। पुलिस ने कहा कि यह घटना उत्तर कन्नड़ जिले के होन्नवारा तालुक के साल्कोडु गांव के कोंडाकुली में हुई।

पुलिस अधीक्षक एम नारायण ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने 10 संदिग्धों की पहचान की है और उनमें से पांच को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। छह विशेष टीम का गठन किया गया है। हमने मुख्य अपराधियों को पकड़ने के लिए सुराग जुटाए हैं।’’

नारायण ने बताया कि अभी तक मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने स्वीकार किया कि घटना ‘वीभत्स’ है और आश्वासन दिया कि अपराधियों को पकड़ने के लिए वन विभाग के सहयोग से प्रयास किए जा रहे हैं।

पुलिस ने बताया कि यह घटना एक वन क्षेत्र में हुई जहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था। उसने कहा कि जांच के तहत अपराध स्थल तक जाने वाले रास्ते पर संदिग्ध गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक नारायण सबूत इकट्ठा करने और जांच को आगे बढ़ाने के लिए एक विशेष जांच दल के साथ स्वयं होन्नावारा तालुक में डेरा डाले हुए हैं।

पुलिस के मुताबिक गाय कृष्णा अचारी नामक एक व्यक्ति की थी जिसने उसे रविवार को वहां चरने के लिए छोड़ा था। सोमवार को, जब अचारी गाय की तलाश में निकला, तो उसे उसका कटा हुआ सिर, पैर और उसके बछड़े का क्षत-विक्षत अवशेष मिला।

पुलिस ने पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत अज्ञात बदमाशों के विरूद्ध मामला दर्ज किया है और जांच जारी है।

इससे पहले बेंगलुरू के चमराजपेट में तीन गायों के थन काटने तथा मैसुरु के नंजनगुड शहर में एक गाय की पूंछ को चोटिल करने की घटना सामने आई थी।

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने गायों पर हमले की घटनाओं की जांच के आदेश दिए हैं। राज्य की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हिंदू संगठनों ने इन घटनाओं पर चिंता जताई है।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश