सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग के बीच कर्नाटक के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के साथ एकजुटता व्यक्त की

सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग के बीच कर्नाटक के मंत्रियों ने मुख्यमंत्री के साथ एकजुटता व्यक्त की

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  • Publish Date - October 10, 2024 / 08:30 PM IST,
    Updated On - October 10, 2024 / 08:30 PM IST

बेंगलुरु, 10 अक्टूबर (भाषा) कर्नाटक के मंत्रियों ने बृहस्पतिवार को कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के प्रति एकजुटता और समर्थन व्यक्त किया, जो एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले में संलिप्तता के आरोपों से घिरे हैं।

विपक्षी दल मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के भूखंड आवंटन मामले में कथित संलिप्तता को लेकर सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। ऐसे में राज्य के मंत्रियों ने सिद्धरमैया के प्रति एकजुटता जताई।

यह कदम सत्तारूढ़ कांग्रेस में पर्दे के पीछे जारी राजनीतिक गतिविधियों के बीच उठाया गया है। सिद्धरमैया के मंत्रिमंडल के कुछ मंत्रियों ने हाल में बंद कमरे में बैठकें कीं, जिससे नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गईं।

विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यहां तक ​​कि (मंत्रियों की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन) खरगे से मुलाकात को भी आप (मीडिया) गलत तरीके से पेश कर रहे हैं, यहां तक ​​कि अगर मंत्री किसी भोज के दौरान मिलते हैं तो भी इसे गलत तरीके से पेश किया जाता है, ऐसे में आज कैबिनेट की बैठक के दौरान सभी मंत्रियों ने (मुख्यमंत्री के साथ) एकजुटता एवं समर्थन व्यक्त किया और कहा कि हम उनके साथ हैं।’’

कुछ रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस की प्रदेश इकाई के प्रमुख डी के शिवकुमार से नेतृत्व परिवर्तन संबंधी ‘‘अफवाहों’’ को खत्म करने को कहा है और कुछ मंत्रियों द्वारा दिए जा रहे बयानों एवं उनमें से कुछ द्वारा अलग से बैठकें करने पर नाराजगी भी व्यक्त की है।

विपक्षी दलों की सिद्धरमैया के इस्तीफे की मांग के बीच, लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने रविवार को तुमकुरु में गृह मंत्री जी परमेश्वर से मुलाकात की, जो अनुसूचित जाति समुदाय के वरिष्ठ नेता हैं। इससे पहले उन्होंने पिछले सप्ताह दिल्ली में खरगे से मुलाकात की थी जिसके बाद राजनीतिक हलकों में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें तेज हो गईं।

जारकीहोली, परमेश्वर और समाज कल्याण मंत्री डॉ. एच. सी. महादेवप्पा के बीच भी बंद कमरे में बैठक हुई।

कैबिनेट बैठक से पहले परमेश्वर ने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने या सतीश जारकीहोली या महादेवप्पा ने मुख्यमंत्री पद पर कभी चर्चा नहीं की। जब भी मीडियाकर्मियों ने हमसे पूछा तो हमने कहा कि वह (सिद्धरमैया) मुख्यमंत्री बने रहेंगे। हमने कभी नहीं कहा कि ‘मुख्यमंत्री बदलो’ और किसी और को (मुख्यमंत्री) बनाओ। इसलिए मैं मुख्यमंत्री के मुद्दे पर व्यक्तिगत रूप से अब से कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा।’’

उन्होंने अन्य मंत्रियों के साथ बैठकों के बारे में कहा, ‘‘यदि आवश्यक हुआ तो हम मिलेंगे, हम अनावश्यक होने पर रात्रिभोज या राजनीतिक बैठकें नहीं करेंगे। हमने अब तक ऐसा नहीं किया है और आगे भी ऐसा नहीं करेंगे… हमें अनावश्यक रूप से आरोपी की स्थिति में खड़ा किया जा रहा है, हम जिम्मेदार लोग हैं, हमारी जिम्मेदारी है, मैं अपनी पार्टी में एक वरिष्ठ नेता हूं।’’

सिद्धरमैया एमयूडीए द्वारा उनकी पत्नी पार्वती बी एम को 14 भूखंड के आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे हैं।

भाषा सिम्मी अविनाश

अविनाश