बेंगलुरु, 23 जनवरी (भाषा) कर्नाटक में मंकीपॉक्स बीमारी का एक मामला सामने आया है। हाल ही में दुबई से आया 40 वर्षीय एक व्यक्ति जांच में वायरस से संक्रमित पाया गया। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी बृहस्पतिवार को दी।
अधिकारियों ने कहा कि यह राज्य में इस साल मंकीपॉक्स का पहला मामला है।
स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में कहा, ‘‘22 जनवरी, 2025 को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे द्वारा करकला (उडुपी जिले) के मूल निवासी 40 वर्षीय पुरुष में मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) की पुष्टि हुई है।’’
वह पिछले 19 वर्षों से दुबई में रह रहा था और 17 जनवरी, 2025 को मंगलुरु आया था।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, उसके यहां पहुंचने पर, उसमें चकत्ते के लक्षण दिखे और दो दिन पहले उसे बुखार भी हुआ था। विभाग के अनुसार उसे तुरंत एक निजी अस्पताल में पृथक रखा गया और उसका नमूना बैंगलोर मेडिकल कॉलेज (बीएमसी) और उसके बाद एनआईवी, पुणे भेजा गया।
व्यक्ति की हालत स्थिर है और उसे जल्द ही छुट्टी मिल सकती है।
विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे बीमारी की प्रकृति और इसकी बहुत कम संक्रामकता को देखते हुए मामले की जानकारी देने में घबराएं नहीं।
विभाग ने कहा, ‘‘लेकिन उन्हें सलाह दी जाती है कि वे बीमारी से जुड़े सामान्य लक्षणों जैसे बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, पसीना आना, गले में खराश और खांसी के साथ त्वचा पर चकत्ते आदि पर नजर रखें और जांच करवाएं, खासकर यदि उन्होंने इस वायरस के लिए उच्च जोखिम वाले देशों की यात्रा की है या यदि वे एम-पॉक्स से प्रभावित व्यक्तियों के निकट संपर्क में रहे हैं।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘हालांकि एम-पॉक्स के लिए एक टीका है, जिसे आम तौर पर स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं जैसे उच्च जोखिम वाले लोगों को लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन आज तक एम-पॉक्स के बहुत कम मामलों का पता चलने के मद्देनजर भारत सरकार द्वारा इसकी सलाह नहीं दी जा रही है।’’
भाषा अमित अविनाश
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