कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भूमि आवंटन मामले में सिद्धरमैया की पत्नी, मंत्री को जारी नोटिस पर रोक लगाई

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भूमि आवंटन मामले में सिद्धरमैया की पत्नी, मंत्री को जारी नोटिस पर रोक लगाई

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  • Publish Date - January 27, 2025 / 07:41 PM IST,
    Updated On - January 27, 2025 / 07:41 PM IST

बेंगलुरु, 27 जनवरी (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि आवंटन घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती बी. एम. और शहरी विकास मंत्री बी. सुरेश को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी नोटिस पर सोमवार को रोक लगा दी।

ईडी ने पार्वती को मंगलवार को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए समन जारी किया था, जबकि सुरेश को सोमवार को गवाही देने के लिए कहा था।

एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले में, यह आरोप लगाया गया है कि सिद्धरमैया की पत्नी को मैसुरु के एक पॉश इलाके में प्रतिपूरक भूखंड आवंटित किये गए, जिसका मूल्य उनकी (पार्वती की) उस जमीन की तुलना में अधिक था, जिसे प्राधिकरण ने ‘‘अधिग्रहीत’’ किया था।

एमयूडीए ने पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के बदले में 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किये थे।

विवादास्पद योजना के तहत, प्राधिकरण ने आवासीय लेआउट बनाने के लिए, भूमि गंवाने वालों को उनसे अधिग्रहीत अविकसित भूमि के बदले में 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित की थी।

यह आरोप है कि मैसुरु तालुका के कसारे गांव में सर्वे संख्या 464 वाली 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कानूनी स्वामित्व नहीं था।

लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय, दोनों ही इस मामले की जांच कर रहे हैं।

भाषा सुभाष दिलीप

दिलीप