बेंगलुरु, 27 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार को लैंगिक पहचान बदलवाने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को संशोधित प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया है।
इन प्रमाणपत्रों में व्यक्तियों के पिछले और संशोधित नाम व लिंग दोनों का उल्लेख होना चाहिए।
अदालत ने कहा कि यह निर्देश तब तक प्रभावी रहेगा जब तक कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 में आवश्यक संशोधन नहीं हो जाते। अदालत के अनुसार फिलहाल मूल जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र पर लिंग में बदलाव की अनुमति नहीं है।
अदालत ने कर्नाटक विधि आयोग और राज्य सरकार से ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 की समीक्षा करने और 2019 अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप 1969 के अधिनियम और इसके नियमों में संशोधन का प्रस्ताव करने का भी आग्रह किया।
न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज ने ये निर्देश अपने लिंग की सर्जरी कराने वाली 34 वर्षीय ट्रांसजेंडर महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किए, जिसने अपने जन्म प्रमाण पत्र पर नाम व लिंग की जानकारी अद्यतन करने का अनुरोध किया था।
भाषा जोहेब मनीषा
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