बेंगलुरु, पांच जुलाई (भाषा) कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने शुक्रवार को जैन दर्शन के अहिंसा के महत्व पर जोर देते हुए युवा पीढ़ी से धर्म और संस्कृति को अपनाने और इसको संरक्षित करने की अपील की।
वे यहां अखिल भारतीय जैन मंच द्वारा आयोजित एक समारोह में ‘जैन पुराण भाग-3 आचार्य चरित्र’ नामक पुस्तक का विमोचन करने के बाद बोल रहे थे।
गहलोत ने धर्म, संस्कृति, रीति-रिवाजों और परंपराओं को पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित करने में धार्मिक साहित्य के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने समाज को संगठित रखने में धर्म के महत्व और लोगों पर इसके धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक प्रभाव पर प्रकाश डाला।
उन्होंने जैन दर्शन में वर्णित अहिंसा के महत्व पर जोर दिया और युवा पीढ़ी से धर्म और संस्कृति को अपनाने और इसे संरक्षित करने की अपील की।
राज्यपाल ने ‘जैन पुराण भाग-तीन’ पुस्तक को सभी के लिए उपयोगी बताया और बेंगलुरु स्थित ‘अखिल भारतीय जैन मंच’ द्वारा किए गए सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, नैतिक और धर्मार्थ कार्यों की सराहना की।
भाषा संतोष मनीषा
मनीषा