OBC reservation For Muslims of Karnataka: बेंगलुरू। कर्नाटक सरकार के आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक के मुसलमानों की सभी जातियों और समुदायों को राज्य सरकार के तहत रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए ओबीसी की सूची में शामिल किया गया है। श्रेणी II-बी के तहत, कर्नाटक राज्य के सभी मुसलमानों को ओबीसी: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के रूप में माना गया है।
लोकसभा चुनाव में आरक्षण एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वह एससी, एसटी और ओबीसी का हक मारकर मुसलमानों को देना चाहती है। इस बीच राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का बयान आया है, जिसमें उसने बताया है कि कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण मिल रहा है।
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OBC reservation For Muslims of Karnataka: आयोग ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया है कि कर्नाटक में मुस्लिमों की सभी जातियों और समुदायों को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में आरक्षण दिया जा रहा है।
आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘कर्नाटक सरकार के नियंत्रणाधीन नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण हेतु कर्नाटक के सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों को ओबीसी की राज्य सूची में शामिल किया गया है।’
इसके आगे लिखा गया है, ‘कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग विभान ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को लिखित रूप से बताया है कि मु्स्लिम और ईसाई जैसे समुदाय न तो जाति हैं और न धर्म हैं। कर्नाटक में मुस्लिमों की आबादी 12.92 प्रतिशत है। राज्य में मुस्लिमों को धार्मिक अल्पसंख्यक माना जाता है।’
As per the data from Karnataka government, all castes and communities of Muslims of Karnataka have been included in the list of OBCs for reservation in employment and educational institutions under the state govt. Under Category II-B, all Muslims of Karnataka state have been… pic.twitter.com/eh1IYF3FX0
— ANI (@ANI) April 24, 2024
OBC reservation For Muslims of Karnataka यही नहीं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कर्नाटक में मुस्लिमों को मिलने वाले आरक्षण की नियमावली के बारे में भी विस्तार से बताया है। आयोग ने बताया कि कर्नाटक में कैटेगरी 1 के तहत 17 मुस्लिम जातियों को शामिल गया है, जो 4 फीसदी ओबीसी कोटे के तहत आवेदन कर सकती हैं।
इसके बाद कैटेगरी 2A में 19 मुस्लिम जातियां शामिल हैं और कुल मिलाकर 393 जातियां इस सूची का हिस्सा हैं। इसके तहत 15 फीसदी ओबीसी कोटा मिलता है। इसके बाद कैटेगरी 2B के तहत 4 प्रतिशत आरक्षण मिलता है, जिसमें मुस्लिम समुदाय की सभी जातियां शामिल हैं।
इस आरक्षण नीति के तहत स्थानीय निकायों में ओबीसी कोटे के तहत आने वाली सभी सीटों पर मुस्लिम समुदाय के लोग लड़ सकते हैं। आयोग ने आश्चर्य भी जताया है कि मुस्लिमों को ओबीसी आरक्षण देने वाला शासनादेश 30, मार्च 2002 को ही जारी किया गया था।