कर्नाटक : मुरुदेश्वर में चार स्कूली छात्राएं समुद्र में डूबीं, मुख्यमंत्री ने मुआवजे की घोषणा की

कर्नाटक : मुरुदेश्वर में चार स्कूली छात्राएं समुद्र में डूबीं, मुख्यमंत्री ने मुआवजे की घोषणा की

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  • Publish Date - December 11, 2024 / 04:50 PM IST,
    Updated On - December 11, 2024 / 04:50 PM IST

कारवार (कर्नाटक), 11 दिसंबर (भाषा) उत्तर कन्नड़ जिले के मुरुदेश्वर में एक आवासीय विद्यालय की नौवीं कक्षा की चार छात्राएं शैक्षणिक भ्रमण के दौरान समुद्र में डूब गईं। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।

कोलार जिले के मुलाबागिलु स्थित मोरारजी देसाई आवासीय विद्यालय के 46 छात्र-छात्राओं और छह शिक्षकों का एक समूह मंगलवार को शैक्षणिक भ्रमण के तहत मुरुदेश्वर गया था।

पुलिस के अनुसार शाम करीब साढ़े पांच बजे शिक्षक और छात्र समुद्र तट पर गए थे।

जीवरक्षकों की चेतावनी के बावजूद सात छात्राएं समुद्र में उतर गईं। समुद्र में लहरें उठ रही थीं और तीन लड़कियां पानी की धारा में बह गईं, जबकि एक अन्य लड़की की मौके पर ही मौत हो गई।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बाकी तीन छात्राओं की जीवरक्षक और अन्य एजेंसियों की मदद से बचा लिया गया। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया और अब वे खतरे से बाहर बतायी जा रही हैं।

जीवनरक्षक, होमगार्ड, मछुआरों और पुलिस के सहयोग से चलाए गए तलाशी अभियान में बुधवार सुबह तीनों लड़कियों के शव बरामद किए गए।

उत्तर कन्नड़ के पुलिस अधीक्षक नारायण एम ने कहा कि हमने मामला दर्ज कर लिया है और सभी छह शिक्षकों को गिरफ्तार कर लिया है।

उन्होंने बताया कि बाद में शिक्षकों को थाने से जमानत पर रिहा कर दिया गया।

हादसे में जान गंवाने वाली छात्राओं की उम्र 15 साल है और उनकी पहचान श्रावंती, दीक्षा, लावण्या और लिपिका के रूप में हुई है।

पुलिस ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम हो चुका है और उनके गृहनगर भेजने की व्यवस्था की जा रही है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने जान गंवाने वाली लड़कियों के शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने उनके परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

सिद्धरमैया ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ जारी पोस्ट में कहा, ‘‘हादसे में जान गंवाने वाली छात्राओं के परिजनों को राज्य सरकार पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी। मैंने उत्तर कन्नड़ जिले के उपायुक्त से बात की है और शवों को उनके गृहनगर पहुंचाने की व्यवस्था करने को कहा है।’’

भाषा

शुभम धीरज

धीरज