कर्नाटक विधानसभा से भाजपा के बहिर्गमन के बीच सहकारी समिति संशोधन विधेयक पारित

कर्नाटक विधानसभा से भाजपा के बहिर्गमन के बीच सहकारी समिति संशोधन विधेयक पारित

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  • Publish Date - July 23, 2024 / 10:09 PM IST,
    Updated On - July 23, 2024 / 10:09 PM IST

बेंगलुरु, 23 जुलाई (भाषा) कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने मंगलवार को विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध और बहिर्गमन के बावजूद विधानसभा में कर्नाटक सहकारी समिति (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया।

भाजपा ने विधेयक में उस प्रावधान का विरोध किया था, जो राज्य सरकार को प्रत्येक सहायता प्राप्त समिति के बोर्ड में तीन व्यक्तियों को अपने प्रतिनिधि के रूप में नामित करने का अधिकार देता है। सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर एक अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति, एक महिला और एक अन्य श्रेणी का व्यक्ति को नामित करने का प्रावधान किया गया है।

विधेयक में कहा गया है, ‘‘नामित व्यक्ति सहकारी समिति की सभी बैठकों और चुनावों में मतदान कर सकते हैं और सहकारी समिति के सभी चुनावों में उम्मीदवार के तौर पर खड़े हो सकते हैं। पदेन सदस्यों और वित्तीय या ऋण एजेंसी से नामित व्यक्ति को मतदान का अधिकार होगा, लेकिन वे पदाधिकारी के रूप में चुनाव लड़ने के पात्र नहीं होंगे।’’

भाजपा ने आरोप लगाया कि यह प्रावधान इसलिए शामिल किया गया है, ताकि सत्तारूढ़ पार्टी अपने सदस्यों को नामित करके सहकारी समितियों पर नियंत्रण रख सके।

सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना और कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने आरोप को खारिज किया।

यह विधेयक पहले विधानसभा में पारित हो चुका था, लेकिन विधान परिषद में इसे मंजूरी नहीं मिल सकी थी। नतीजतन, इसे फिर से विधानसभा में वापस भेज दिया गया।

भाषा खारी दिलीप

दिलीप