Rajasthan Political Crisis : जयपुर – राजस्थान के सियासी घमासान के बीच अब MP के पूर्व सीएम कमलनाथ की एंट्री भी हो चुकी है। कमलनाथ दोनों में मध्यस्थता कराने की कोशिश करेंगे। कमलनाथ कर सकते है गहलोत से चर्चा। राजनीतिक घमासान के बीच कमलनाथ दे सकते है कोई सुझाव। जिन्हें अशोक गहलोत और पायलट गुट के बीच मध्यस्थता कराने के लिए हाईकमान ने दिल्ली बुलाया है। इसी बीच अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे भी दिल्ली के लिए रवाना हो गए है। जो कि जल्दी राजस्थान की इस कशमकश की रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंपेगे।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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Rajasthan Political Crisis : बता दें कि दरअसल गहलोत गुट के विधायकों के इस्तीफा देने के बाद माकन—खड़गे ने विधायकों को बैठक के लिए बुलाया था। लेकिन विधायक दल ने इस बैठक का बहिष्कार किया और वही कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने तक यानी 19 अक्टूबर तक ये गुट किसी भी मीटिंग में शामिल नहीं होने की बात कही। ऐसे में विधायक दल की तीन शर्ते सामने आयी….जिसमें विधायक दल ने कहा कि
पहली- गहलोत गुट के विधायक ही सीएम बने।
दूसरी- अध्यक्ष चुनाव के बाद ही सीएम का ऐलान हो।
तीसरी- नया मुख्यमंत्री गहलोत की पसंद का ही हो।
Rajasthan Political Crisis : अब विधायकों की इस शर्त पर पर्यवेक्षकों ने ऐतराज जताया। ऐसे में माकन ने कहा, “विधायक दल की बैठक में MLAs का नहीं आना अनुशासन हीनता है। इस बैठक के दौरान उन्होंने खुद बैठक बुला ली। ये भी अनुशासनहीनता है और हम देखते हैं कि क्या एक्शन लिया जा सकता है। हम एक-एक विधायक से मिलकर उनकी राय जानना चाहते थे, लेकिन वे सामूहिक रूप से मिलने पर अड़े रहे। गहलोत समर्थक 102 MLAs में से ही सीएम बनाने की बात पर अड़े हैं। माकन ने आगे कहा कि ‘वे अपनी बात को रेजोल्यूशन में शामिल करने की मांग कर रहे थे। जबकि रेजोल्यूशन एक लाइन का होता है। कांग्रेस के इतिहास में सशर्त रेजोल्यूशन आज तक पास नहीं हुआ है। उन्होंने अध्यक्ष के चुनाव तक सीएम पर कोई चर्चा नहीं कराने की मांग रखी, यह संभव नहीं है, क्योंकि यह हितों के टकराव का मामला है।