Justice Yashwant Verma News | Image Source : IBC24
नई दिल्ली: Justice Yashwant Verma News: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड में अब एक नया अपडेट सामने आया है। यशवंत वर्मा के घर में लगी आग के दौरान अधजले नोटों की खबर सामने आई थी। 14 मार्च को आग लगने के बाद नकदी होने की रिपोर्ट के बाद हाई कोर्ट की आंतरिक जांच की गई थी। अब मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना के आदेश पर जस्टिस वर्मा घर के अंदर की जुड़ी तस्वीरों और वीडियो जारी कर दिया गया है। इस वीडियो में जस्टिस वर्मा के घर के अंदर जले हुए नोटों के बंडल दिखाई दे रहे हैं।
Justice Yashwant Verma News: वहीं अब इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। जस्टिस वर्मा के घर की तस्वीरें वायरल होने के बाद कई प्रकार के सवाल उठने शुरू हो गए। ममता त्रिपाठी नामक एक महिला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, सुप्रीम कोर्ट ने फायर डिपार्टमेंट के झूठ का पर्दाफाश कुछ इस अंदाज में किया, जले हुए नोटों के बंडल को #CJI संजीव खन्ना ने वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। इसको कला धन कहेंगे की नहीं पीएम मोदी।
सुप्रीम कोर्ट ने फायर डिपार्टमेंट के झूठ का पर्दाफाश कुछ इस अंदाज में किया…
जले हुए नोटों के बंडल को #CJI संजीव खन्ना ने वेबसाइट पर अपलोड कर दिया…
इसको काला धन कहेंगे कि नहीं @narendramodi जी pic.twitter.com/C9Ri2vetqU
— Mamta Tripathi (@MamtaTripathi80) March 22, 2025
Justice Yashwant Verma News: दरअसल, जस्टिक यशवंत वर्मा के बंगले में आग लग गई। बताया जा रहा है कि जब उनके बंगले में आग लगी तब वे घर से बाहर थे। घर वालों ने इसकी सूचना फायर ब्रिगेड और पुलिस को दी। जैसे ही आग बुझाने बचावकर्मी उनके एक कमरे के अंदर घुसे, उन्हें भारी अधजले नोटों का भंडार मिला। जिसका वीडियो भी अब सामने आ गया। इस घटना के बाद मामला गंभीर बन गई। साथ ही इस मामले से जुड़ी दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय की रिपोर्ट भी सार्वजनिक कर दी गई है। इसमें जस्टिस वर्मा का जवाब भी पब्लिक कर दिया गया है। वहीं मामले से जुड़े कागजात भी वेबसाइट पर डाल दिए गए हैं।
बता दें कि 14 मार्च को होली की रात लगभग 11.35 बजे जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास में आग लगने के बाद दमकल कर्मी आग बुझाने पहुंचे थे। इस दौरान वहां कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बयान में कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ आंतरिक जांच शुरू की है और उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट ट्रांसफर करने का प्रस्ताव भी है।
बयान में कहा गया था, ‘‘जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना के संबंध में गलत सूचना और अफवाहें फैल रही हैं।’’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सूचना मिलने पर जस्टिस उपाध्याय ने ‘‘सबूत और सूचना इकट्ठे करने के लिए आंतरिक जांच प्रक्रिया शुरू कर दी।’’
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने दिल्ली हाईकोर्ट के वर्तमान जज जस्टिस यशवंत वर्मा के विरुद्ध आरोपों की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायाधीश जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को फिलहाल जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई न्यायिक कार्य न सौंपने के लिए कहा गया है। दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने अपनी रिपोर्ट दी है।’