नयी दिल्ली, 20 जनवरी (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा)की नेता बृंदा करात ने सोमवार को कहा कि आरजी कर मामले में फैसला ”जितना अजीब है, उतना ही असंतोषजनक भी है” और यह न्याय नहीं देता है।
माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी राज्य सरकार जैसा ही दृष्टिकोण अपनाया है और माना है कि घटना के लिए एक ही व्यक्ति जिम्मेदार है।
बृंदा करात ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह फैसला जितना अजीब है उतना ही असंतोषजनक भी है, क्योंकि जांच में ही खामियां हैं। राज्य सरकार ने शुरू से ही सबूत नष्ट करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को संरक्षण दिया है और इसलिए ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब नहीं मिल सका है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसा लगता है कि सीबीआई ने भी इसे सुधारने के बजाय राज्य सरकार की राह पर चलना शुरू कर दिया और उस असंभव बात पर विश्वास किया कि एक अकेला आदमी एक सार्वजनिक अस्पताल में एक सार्वजनिक स्थान पर एक महिला के साथ दुष्कर्म और हत्या के लिए जिम्मेदार हो सकता है, और किसी को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था या इसमें कोई शामिल नहीं था।’’
करात ने कहा, ‘‘ये ऐसे सवाल हैं, जिनका कोई जवाब नहीं मिला है और राज्य सरकार के दृष्टिकोण से इन्हें अनदेखा किया गया, जो अपराध को छुपाने का है। सीबीआई ने इस जांच में भी यही रास्ता अपनाया है और अब यह फैसला आया है।’’
माकपा की वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘मौजूदा कानून में मृत्युदंड केवल दुर्लभतम मामलों में ही दिया जाता है। केरल में आज एक लड़की को अपने प्रेमी को जहर देकर मारने का दोषी पाते हुए मौत की सजा सुनाई गई। आरजी कर मामले में रॉय को मृत्यु होने तक कारावास और 50,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई। यह सजा कितनी मनमानी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में न्याय नहीं हुआ है। मैं तो यहां तक कहूंगी कि अगर मौत की सजा भी दे दी गई होती, तो भी यह मानना अधूरा होता कि एक अकेले आदमी ने यह अपराध किया है। कई मोर्चों पर यह बहुत असंतोषजनक है।’’
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले साल अगस्त में एक महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या के मामले में शनिवार को दोषी करार दिये गए संजय रॉय को सियालदह की अदालत ने सोमवार को मृत्यु होने तक कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने रॉय पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया और राज्य सरकार को मृत चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया।
सियालदह की अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने शनिवार को रॉय को पिछले वर्ष नौ अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के खिलाफ किये गए जघन्य अपराध के मामले में दोषी ठहराया था। इस घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश फैल गया था और पश्चिम बंगाल में लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त 2024 को मामले की जांच कोलकाता पुलिस से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आदेश दिया था।
भाषा रवि कांत रवि कांत दिलीप
दिलीप