न्यायमूर्ति नागरत्ना ने दिव्यांग बच्चों के लिए आजीवन सहायता का आह्वान किया |

न्यायमूर्ति नागरत्ना ने दिव्यांग बच्चों के लिए आजीवन सहायता का आह्वान किया

न्यायमूर्ति नागरत्ना ने दिव्यांग बच्चों के लिए आजीवन सहायता का आह्वान किया

:   Modified Date:  September 29, 2024 / 08:15 PM IST, Published Date : September 29, 2024/8:15 pm IST

नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय की किशोर न्याय समिति की अध्यक्ष न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने बच्चों के लिए दिव्यांगता सहायता प्रणालियों में सुधार का आह्वान किया है, जिसमें आंकड़ों का सटीक संग्रह, आजीवन वित्तीय सहायता और शिक्षा में समावेशिता पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

‘दिव्यांग बच्चों के अधिकारों की रक्षा’ विषय पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति नागरत्ना ने दिव्यांग बच्चों के समर्थन में होने वाले प्रयासों के अंतराल को रेखांकित किया और इस मुद्दे के समाधान के लिए बहु-हितधारक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।

परिचर्चा के दौरान, उन्होंने देश भर में दिव्यांग बच्चों की संख्या पर विश्वसनीय आंकड़ों की गंभीर कमी की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि समय रहते हस्तक्षेप न किया जाए तो दिव्यांग बच्चों के पिछड़ जाने का खतरा रहता है।

न्यायमूर्ति नागरत्ना ने दिव्यांगता के शीघ्र निदान के महत्व को दोहराया तथा इस बात पर बल दिया कि आंगनवाड़ियों को ऐसा करने के लिए सुसज्जित किया जाना चाहिए क्योंकि आंगनवाड़ी अनेक बच्चों के लिए प्रथम संपर्क बिंदु के रूप में कार्य करती हैं।

उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को यह भूमिका प्रभावी ढंग से निभाने के लिए अधिक प्रशिक्षण एवं संसाधन उपलब्ध कराने की वकालत की।

उन्होंने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम की ओर भी ध्यान आकर्षित किया, जिसके अनुसार दिव्यांग बच्चों को शिक्षा तक पहुंच प्रदान की जानी चाहिए।

न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिव्यांग बच्चों के लिए आरटीई को वास्तव में लागू किया जाए, न कि केवल कागजों पर ऐसा हो।’’

भाषा शफीक प्रशांत

प्रशांत

 

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