बेंगलुरु, 27 मार्च (भाषा) अनुसूचित जातियों के भीतर अलग से आरक्षण की सिफारिश करने के लिए गठित न्यायमूर्ति एच एन नागमोहन दास आयोग ने बृहस्पतिवार को यहां मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी।
अनुसूचित जातियों का एक वर्ग अलग से आंतरिक आरक्षण की मांग कर रहा है। उनका आरोप है कि केवल कुछ प्रभावशाली उप-जातियां ही अधिकांश लाभ ले रही हैं, जबकि कई समुदाय अब भी हाशिए पर हैं।
पिछले वर्ष नवंबर में सरकार ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति नागमोहन दास को अनुसूचित जातियों के भीतर अलग से आरक्षण की सिफारिश करने संबंधी एक आयोग का प्रमुख नियुक्त किया था।
न्यायमूर्ति नागमोहन दास ने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपने के बाद कहा, ‘‘ मैंने और मेरी टीम ने दो महीने से अधिक समय तक गहन अध्ययन करने के बाद 104 पृष्ठों की रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट जल्दबाजी में नहीं सौंपी गई है। दरअसल सरकार ने हमें अंतरिम रिपोर्ट सौंपने के लिए नहीं कहा है, हमने स्वेच्छा से इसे सौंपा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने रिपोर्ट सौंप दी है। देखते हैं सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है। इसके आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे।’’
भाषा शुभम शोभना
शोभना