Junior doctors' strike ends on 17th day, health strike also cancelled

Kolkata Doctor Rape Murder Case : 17वें दिन खत्म हुई जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल, हेल्थ स्ट्राइक भी की कैंसिल

Kolkata Doctor Rape Murder Case : जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और मर्डर के विरोध में जूनियर डॉक्टरों द्वारा की जा रही भूख हड़ताल 17वें दिन खत्म

Edited By :   Modified Date:  October 21, 2024 / 11:55 PM IST, Published Date : October 21, 2024/11:55 pm IST

कोलकाता: Kolkata Doctor Rape Murder Case : पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर से दुष्कर्म और मर्डर के विरोध में जूनियर डॉक्टरों द्वारा की जा रही भूख हड़ताल 17वें दिन खत्म हो गई है। साथ ही, 22 अक्टूबर को प्रस्तावित हेल्थ स्ट्राइक भी रद्द कर दी गई है। इस बड़े फैसले की घोषणा डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हुई दो घंटे की लंबी बैठक के बाद की। यह बैठक नबन्ना स्थित सचिवालय में हुई, जहां डॉक्टरों के पैनल और ममता बनर्जी के बीच गहन चर्चा हुई। डॉक्टरों के पैनल ने कहा कि उनकी अधिकतर मांगें पूरी कर दी गई हैं, और अब वे स्वास्थ्य सेवाओं को फिर से सुचारु रूप से चलाने के लिए काम पर लौटेंगे। इसके साथ ही 22 अक्टूबर को प्रस्तावित हेल्थ स्ट्राइक भी रद्द कर दी गई है।

जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार के सामने अपनी 5 प्रमुख मांगें रखी थीं। इनमें से 3 मांगें सरकार ने पहले ही मान ली थीं, लेकिन बाकी 2 मांगों पर विचार करने के लिए CM ममता बनर्जी ने आश्वासन दिया था। इसके बाद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी, लेकिन जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो उन्होंने भूख हड़ताल शुरू कर दी।

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क्या है मामला?

Kolkata Doctor Rape Murder Case : 5 अक्टूबर से कोलकाता के जूनियर डॉक्टर एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के रेप और हत्या के खिलाफ भूख हड़ताल पर थे। उनकी मांग थी कि इस जघन्य अपराध के लिए दोषियों को सख्त सजा मिले और राज्य के हेल्थकेयर सिस्टम में सुधार किए जाएं। डॉक्टरों की यह हड़ताल राज्य के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार और न्याय की मांग को लेकर थी, जिससे पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित हो रही थीं।

CM ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से अपील की थी कि वे अनशन खत्म करें और काम पर लौट आएं। उन्होंने कहा कि कई अधिकारी पहले ही हटाए जा चुके हैं, लेकिन पूरे विभाग को बदलना तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विरोध करने का अधिकार सभी को है, लेकिन इससे स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित नहीं होने देना चाहिए।

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