धूमधाम के साथ निकली जूना अखाड़े की पेशवाई और किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा

धूमधाम के साथ निकली जूना अखाड़े की पेशवाई और किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा

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  • Publish Date - December 14, 2024 / 06:17 PM IST,
    Updated On - December 14, 2024 / 06:17 PM IST

प्रयागराज, 14 दिसंबर (भाषा) सबसे बड़े अखाड़े श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े की पेशवाई (छावनी प्रवेश) और किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा शनिवार को मौजगिरि आश्रम से मेला क्षेत्र के लिए पूरी धूमधाम के साथ प्रारंभ हुई। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने पेशवाई का नेतृत्व किया।

जूना अखाड़े के एक पदाधिकारी ने बताया कि पेशवाई मेला क्षेत्र में स्थापित जूना अखाड़ा में संपन्न होगी। उन्होंने बताया कि यहां पूजा-अर्चना के साथ अखाड़े के साधु संत अपना प्रवास शुरू करेंगे। किन्नर अखाड़े के संत अपने शिविर में ठहरेंगे।

पेशवाई में शामिल ट्रैक्टर-ट्रालियों को आकर्षक तरीके से सजाया गया था उन पर स्थापित चांदी के सिंहासन पर शीर्ष साधु-संत सवार थे। इनमें जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी कपिल पुरी महाराज, स्वामी नरेंद्रानंद गिरि महाराज, जापान की माता कैला गिरि (केको आइकावा), स्वामी महेंद्रानंद गिरि, यूक्रेन की माता एनकिंडा लायला और अन्य महामंडलेश्वर शामिल थे।

वहीं, किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा का नेतृत्व आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किया जो एक बड़े चांदी के सिंहासन पर विराजमान थीं। देवत्व यात्रा में सजी-धजी 30 बग्घियां और कई विटेंज कार भी शामिल थीं। 1965 में निर्मित रॉल्स रॉयस कार में सवार महामंडलेश्वर पवित्रानंद गिरि आकर्षण का केंद्र थी।

पेशवाई में बैंड-बाजों की धुन के बीच जूना अखाड़े के नागा साधु हाथ में त्रिशूल और डमरू धाऱण किये हुए थे और हर-हर महादेव का उद्घोष कर रहे थे। इस दौरान कई साधु शंख भी बजा रहे थे।

यात्रा के दौरान सड़क के दोनों और भारी संख्या में श्रद्धालु भी साधु-संतों के अभिवादन के लिए उमड़े और उन्होंने हाथ जोड़कर उन्हें नमन किया।

देवत्व यात्रा के लिए विंटेज कार किराये पर लेने के अलावा डमरू बजाने वाला दल भी बुलाया गया था। श्री काशी विश्वनाथ डमरू दल सेवा समिति के सदस्य दिनेश कुमार कनौजिया ने बताया कि पहली बार किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा में इस दल को बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि दल के 30 से अधिक सदस्य देवत्व यात्रा में शामिल हुए हैं।

वहीं, विवाह समारोह में किराए पर ‘विंटेज’ कार उपलब्ध कराने वाले आयुष टंडन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पहली बार उनकी कार किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा में इस्तेमाल की गई है।

पेशवाई के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किये गये थे। यात्रा पथ पर भारी संख्या में घुड़सवार पुलिस और अन्य पुलिसकर्मी तैनात रहे।

भाषा राजेंद्र जोहेब पवनेश

पवनेश