नई दिल्ली । ‘Judiciary and Center sometimes have differences’ केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि न्यायपालिका और केंद्र में कभी-कभी मतभेद हो जाते हैं । यदि बहस और तर्क-वितर्क न हों तो लोकतंत्र का क्या उद्देश्य है? लेकिन कुछ लोग यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि न्यायपालिका और केंद्र के बीच महाभारत चल रहा है लेकिन यह सच नहीं है।
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मैंने CJI को एक पत्र लिखा, जिसके बारे में किसी को नहीं पता था। पता नहीं किसे कहां से पता चला और खबर बना दी कि क़ानून मंत्री ने CJI को पत्र लिखा कि कॉलेजियम में सरकार का प्रतिनिधि होना चाहिए। इस बात का कोई सर पैर नहीं।मैं कहां से उस प्रणाली में एक और व्यक्ति डाल दुंगा।
भारत में लोकतंत्र सिर्फ जीवित ही नहीं बल्कि मजबूती से आगे चले उसके लिए एक मज़बूत और आज़ाद न्यायपालिका का होना जरूरी है। न्यायपालिका की आज़ादी को कमज़ोर या उसके अधिकार, सम्मान और गरिमा को कम करेंगे तो लोकतंत्र सफल नहीं होगा: कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू pic.twitter.com/roERLVhfyV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 23, 2023
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