Journey of Gupta Brothers: नईदिल्ली: दक्षिण अफ्रीका की ओर से सोमवार को कहा गया कि करोड़ो की हेराफेरी करने वाले गुप्ता भाइयों को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है। गुप्ता भाइयों में राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता गिरफ्तार हुए हैं। तीसरे भाई अजय की गिरफ्तारी नहीं हुई है। दक्षिण अफ्रीका का आरोप है कि गुप्ता ब्रदर्स ने पूर्व राष्ट्रपति जैकब ज़ुमा के करीबी होने के कारण कई उच्च पदों पर नियुक्ति को प्रभावित किया। 9 साल तक वह भ्रष्टाचार में लिप्त रहे। सवाल यह है कि यूपी के सहारनपुर से निकले गुप्ता ब्रदर्स ने इतनी संपत्ति कैसे अर्जित की और कैसे इतने ताकतवर हो गए।
बता दें कि दिल्ली में इनका मसालों का काम किया। 1993 में गुप्ता बंधु नए मौके की तलाश में दक्षिण अफ्रीका पहुंच गए। यहां उन्होंने जूतों से लेकर कंप्यूटर, खनन से लेकर गाड़ियों का बिजनेस शुरू किया। एक समय गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका के सबसे ताकतवर लोगों में शुमार हो गए। 2016 में गुप्ता ब्रदर्स दक्षिण अफ्रीका के 16वें सबसे अमीर लोगों में से थे। उस समय उनकी संपत्ति लगभग 78 करोड़ डॉलर करीब 60 अरब रुपए थी।
अतुल गुप्ता ने 1993 में दक्षिण अफ्रीका में सहारा कंप्यूटर्स की शुरुआत कर अपना साम्राज्य खड़ा करने की दिशा में पहला कदम उठाया था। शुरुआत में कारोबार बहुत छोटा था, लेकिन तीनों की मेहनत रंग लाई और देखते ही देखते पूरे दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता बंधु का कम्प्यूटर कारोबार फैल गया। यही नहीं, जल्द ही इनकी कंपनी दक्षिण अफ्रीका की नंबर वन कंपनी बन गई। उसके बाद गुप्ता बंधुओं ने कोल और गोल्ड माइनिंग में भी हाथ आजमाया और साथ ही गुप्ता बंधुओं ने मीडिया क्षेत्र में भी हाथ आजमाया जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका में “न्यूज एज” नाम से अखबार शुरू कर दिया। जिसके बाद गुप्ता ब्रदर्स दक्षिण अफ्रीका में कई न्यूज चैनलों के मालिक बन गए।
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पैसे कमाने के साथ ही गुप्ता बंधु पैसा उड़ाने के लिए भी मशहूर रहे हैं। 2019 में उनके बेटों की हाईप्रोफाइल शादी उत्तराखंड के औली में हुई थी। जहां उन्होंने पानी की तरह पैसा बहाया। बताया जाता है कि करीब 200 करोड़ रुपए इस शादी में खर्च हुए। स्विटजरलैंड से पांच करोड़ रुपए के तरह-तरब के फूल मंगवाए गए और शादी की जगह को सजाया गया था।
बताया जा रहा है कि गुप्ता बंधु सहारनपुर में एक अद्भुत शिवधाम का भी निर्माण करवा रहे हैं। इस मंदिर की खासियत यह है कि ये अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। मंदिर में पत्थर भी राजस्थान से मंगवाकर लगाया जा रहा है। शिवधाम के नाम से मंदिर 100 करोड़ की लागत से तैयार होगा।
उन्होंने वर्ष 2018 में ही शिव मंदिर बनाने का फैसला लिया था, इस मंदिर का निर्माण शुरू हुए करीब चार साल का समय गुजर चुका है। इस मंदिर में एक—एक पत्थर बारीकी से तराश कर लगाया जा रहा है, जो पत्थर लग रहे हैं, वह सभी राजस्थान से मंगाए जा रहे हैं। मंदिर निर्माण का कार्य जिस तरह से चल रहा है, उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि इस मंदिर के निर्माण में लागत 300 करोड़ रुपये तक जा सकती है।
शिवधाम मंदिर की ऊंचाई 149 फीट होगी। मंदिर निर्माण का कार्य सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करने वाली संस्था के द्वारा किया जा रहा है। इसके मॉडल को आईआईटी विशेषज्ञों के अलावा विख्यात वास्तुविदों व वैज्ञानिकों के परामर्श के बाद फाइनल किया गया है। दावा है कि यह मंदिर भवन निर्माण की दृष्टि से एक हजार वर्ष तक श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहेगा। इसके अलावा गुप्ता बन्धु कई बार बद्रीनाथ के दर्शन को भी जा चुके है और वहां सोना चढ़ा चुके हैं।
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कथित तौर पर गुप्ता बंधु भारत में आते हैं तो वह अक्सर देहरादून स्थित घर पर रुकते है। जहां से हैलीकॉप्टर से सहारनपुर आते हैं। इसके लिए उन्होंने सहारनपुर के सड़क दूधली में हैलीपैड भी बना रखा है। जहां पर हर समय हैलीकॉप्टर खड़े रहते हैं।
इधर अतुल और राजेश गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों का कहना है कि यूएई के साथ इन लोगों के प्रत्यर्पण को लेकर बातचीत चल रही है। साल 2018 में एक न्यायिक आयोग द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में कथित रूप से संलिप्त की जांच शुरू करने के बाद गुप्ता बंधु दक्षिण अफ्रीका से भाग गए थे। सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में गिरफ्तार कर लिया गया है।
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति के शासन काल में राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता पर करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप है, बताया जा रहा है कि उनको इंटरपोल की मदद से पकड़ा गया है, दक्षिण अफ्रीका ने खुद इसकी पुष्टि कर जानकारी दी है।
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2016 में दक्षिण अफ्रीका में राजनीतिक विवाद देखने को मिला। कई लोगों ने इसे गुप्ता गेट भी बताया। विवाद एक आरोप के बाद शुरू हुआ, जिसमें कहा गया कि गुप्ता ब्रदर्स ने तत्कालीन उप वित्त मंत्री को कैबिनेट पद दिलाने का वादा किया है, लेकिन इसके लिए उन्होंने अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए पैसे की मांग की है। लगभग इसी समय भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री प्रवीण गोरधन ने आरोप लगाया कि गुप्ता ब्रदर्स के कारण ही उन्हें कैबिनेट से हटाया गया।
इन आरोपों के सामने आने के बाद ही पैसों की हेरा-फेरी को लेकर जांच शुरू हुई। जांच के बाद ब्रिटेन की ओर से गुप्ता बंधुओं के खाते सीज कर दिए गए और उनके यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 2018 में जब जैकब ज़ुमा की सरकार गिरी तो गुप्ता बंधु वहां से भाग निकले और तभी से वह गायब थे।
सरकार ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति जैकब ज़ूमा के नौ साल के कार्यकाल के दौरान कम से कम 500 अरब रैंड (32 अरब डॉलर) की चोरी हुई थी, हालांकि अभी तक जैकब जूमा और गुप्ता बंधु आरोपों से इनकार करते रहे हैं। यूएई द्वारा दक्षिण अफ्रीका के साथ प्रत्यर्पण संधि की पुष्टि करने के एक साल बाद ये गिरफ्तारियां हुई हैं।
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