नयी दिल्ली, 14 सितंबर (भाषा) कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा नियंत्रित नौकरशाही की जागीर बन गया है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा कब बहाल होगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए डोडा में भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अंतिम सांस ले रहा है और उनकी सरकार ने “इस सुंदर क्षेत्र को नष्ट करने वाली” वंशवादी राजनीति का मुकाबला करने के लिए एक नया नेतृत्व पेश किया है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री आज जम्मू-कश्मीर में हैं। 2018 में पीडीपी-भाजपा सरकार के गिरने के बाद से जम्मू-कश्मीर का प्रशासन उनकी ही केंद्र सरकार के पास है। ऐसे में नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा कब वापस मिलेगा?’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘2018 के बाद से जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए अपना विरोध दर्ज कराने और समस्याएं व्यक्त करने के लिए हर तरह का रास्ता बंद कर दिया गया है। यह क्षेत्र भाजपा-आरएसएस द्वारा नियंत्रित नौकरशाही की जागीर बन गया है।’’
उन्होंने सवाल किया कि शुक्रवार को किश्तवाड़ में आतंकवादी हमलों में भारतीय सेना के दो जवानों की शहादत की नैतिक जिम्मेदारी कौन लेगा?
रमेश ने कहा, ‘‘नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि अनुच्छेद 370 हटाकर जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को कुचल दिया गया है, लेकिन, जम्मू-कश्मीर में ज़मीनी स्थिति चिंताजनक है। एक जनवरी 2023 से, हमारे 35 बहादुर सुरक्षा कर्मियों और आठ निर्दोष नागरिकों ने सिर्फ़ उस पीर पंजाल रेंज (जिसमें राजौरी-पुंछ क्षेत्र शामिल है) में अपनी जान गंवाई है, जहां 2007 और 2014 के बीच आतंकवाद की कोई बड़ी घटना नहीं हुई थी।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘केंद्र सरकार के प्रशासन में ड्रग्स की तस्करी में तेज़ी से वृद्धि क्यों हुई है? सरकार कश्मीरी पंडितों का समर्थन करने में क्यों विफल रही है? क्या एक तिहाई प्रधानमंत्री समुदाय को केवल भाषणबाजी के मुद्दे के रूप में देखते हैं? उन्होंने पिछले एक दशक में उनके हितों की उपेक्षा क्यों की है?’’
रमेश ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर की आर्थिक स्थिति में गिरावट क्यों आई है?
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या गृह मंत्री जम्मू-कश्मीर के लोगों को बताएंगे कि इस आर्थिक गड़बड़ी के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या यह भाजपा द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल या खुद गृह मंत्री हैं? इस सरकार ने कितनी नौकरियां पैदा की हैं, सार्वजनिक क्षेत्र में या निजी क्षेत्र में? 2019 से भारत के दूसरे हिस्सों से कितने निवेशकों ने वास्तव में जम्मू-कश्मीर में निवेश किया है? केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में कितने सार्वजनिक उपक्रम स्थापित किए हैं?’’
भाषा हक
हक दिलीप
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