जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों से सदन की गरिमा बनाए रखने को कहा

जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों से सदन की गरिमा बनाए रखने को कहा

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  • Publish Date - November 4, 2024 / 03:23 PM IST,
    Updated On - November 4, 2024 / 03:23 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

श्रीनगर, चार नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने सोमवार को सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने को कहा।

अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद अपने पहले संबोधन में राथर ने कहा कि वह अपने कार्यों से साबित करेंगे कि वह पक्षपाती अध्यक्ष नहीं हैं।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अभिभाषण के बाद सदन को संबोधित करते हुए अध्यक्ष ने सर्वसम्मति से उन्हें चुनने के लिए विधानसभा के सदस्यों का आभार व्यक्त किया। राथर ने कहा, ‘‘मुझे इस पद पर चुनने के लिए मैं तहे दिल से आभारी हूं। मुझे एहसास है कि बड़ा पद बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है। मैं आपकी अपेक्षाओं को पूरा करने की कोशिश करूंगा।’’

उन्होंने सदस्यों से हर परिस्थिति में सदन की गरिमा बनाए रखने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सबसे पहले हर परिस्थिति में सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। इस सदन की शुचिता हमारी भी गरिमा सुनिश्चित करेगी। अगर हमारी गरिमा बनी रहेगी, तो सदन के बाहर भी हमारी बातों का असर रहेगा।’’

अध्यक्ष ने कहा कि इस सदन का समय बहुमूल्य है और सदस्यों को इसका समझदारी से उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने शब्दों में संयम बरतना होगा। हमें इस सदन के समय का विवेकपूर्ण उपयोग करना होगा। इस सदन और इस सदन की समितियों में कामकाज में रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपके कार्य और शब्द इस बात पर आधारित होने चाहिए कि इससे गरीब आदमी को कितना लाभ होगा। सदस्यों को सरकार को जवाबदेह बनाना चाहिए, लेकिन ऐसा करते समय आपको मंत्रियों या अधिकारियों का अनावश्यक रूप से उपहास नहीं करना चाहिए।’’

राथर ने कहा कि अध्यक्ष सदन और विधायकों के अधिकारों के संरक्षक होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं सरकार को जवाबदेह बनाने में आपकी मदद करूंगा। मैं मंत्रियों से अनुरोध करता हूं कि वे तैयारी कर आएं, विधायकों को भी तैयार होकर आना चाहिए। अगर मुझे लगता है कि कोई सदस्य पूरक प्रश्नों के साथ न्याय नहीं कर रहा है, तो मुझे हस्तक्षेप करना होगा।’’

अध्यक्ष ने कहा कि यह एक चलन बन गया है कि सदन का बहुत सारा समय हंगामे में बर्बाद हो जाता है। उन्होंने आगाह किया कि अध्यक्ष के पास कार्रवाई करने का अधिकार है, जो निलंबन से लेकर अयोग्यता तक कुछ भी हो सकता है। हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि मुझे ऐसी कोई कार्रवाई करने का मौका नहीं मिलेगा।’’

राथर ने कहा कि 36 साल के अपने संसदीय जीवन में उन्होंने एक बार भी नियमों का उल्लंघन नहीं किया और न ही अध्यक्ष ने उनके खिलाफ कार्रवाई की। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं विपक्ष का नेता था, तब भी मैंने अपने पद का दुरुपयोग नहीं किया।’’ राथर ने सदन को आश्वस्त किया कि वह कभी पक्षपात नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले 50 सालों से नेशनल कॉन्फ्रेंस से जुड़ा हुआ हूं। मैं 45 सालों से पार्टी की केंद्रीय कार्यसमिति का सदस्य हूं। मुझे इस पर गर्व है। लेकिन आज से मेरी कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है। मैं आप सभी का हूं। इसमें कोई पक्षपात नहीं होगा। मैं अपने कामों से साबित करूंगा कि यह सदन निष्पक्ष और तटस्थ तरीके से चलेगा। मैं सिर्फ नियमों का पालन करूंगा।’’

भाषा आशीष प्रशांत

प्रशांत