धनबाद (झारखंड), 13 जनवरी (भाषा) झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (जेएचएएलएसए) ने धनबाद जिले में स्कूल प्रधानाचार्य द्वारा छात्राओं को कथित तौर पर अपमानित किए जाने के मामले का स्वत: संज्ञान लिया और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) को इसकी जांच करने का निर्देश दिया है। एक अधिवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।
प्रधानाचार्य पर दसवीं की 80 छात्राओं को संदेश लिखने के लिए अपनी कमीज उतारने का आदेश देने का आरोप है, जिसके बाद प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि छात्राओं को कथित तौर पर बिना शर्ट के, ब्लेजर में घर लौटने के लिए मजबूर किया गया।
जेएचएएलएसए के निर्देश के बाद, प्रधान जिला-सत्र न्यायाधीश एवं धनबाद डीएलएसए के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार तिवारी ने ‘लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सिस्टम’ (एलडीसीएस) के प्रमुख कुमार विमलेंदु की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय समिति का गठन किया।
डीएलएसए सचिव राकेश रोशन ने कहा कि समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
एक अधिकारी ने कहा कि समिति के सदस्यों ने रविवार को स्कूल का दौरा किया और सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए प्रधानाचार्य के कक्ष को सील कर दिया।
उन्होंने बताया कि पीड़िताओं और अभिभावकों के बयान भी दर्ज किए गए हैं।
रविवार को झारखंड अभिभावक महासंघ (जेएएम) ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें स्कूल प्रधानाचार्य पर ‘‘शर्मनाक हरकत’’ करने का आरोप लगाया और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।
इस बीच, अधिकारी ने बताया कि धनबाद प्रशासन द्वारा गठित जांच समिति सोमवार को जोरापोखर थाना क्षेत्र के डिगवाडीह स्थित स्कूल का दौरा करेगी।
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खारी मनीषा
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