नई दिल्ली: लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन बिल पेश कर दिया गया है। जिसके बाद संसद में जोरदार बहस हो रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 पर कहा, मैं यहां जो विधेयक लेकर आया हूं वह उन लोगों को न्याय दिलाने और उनका अधिकार दिलाने से संबंधित है जिनके खिलाफ अन्याय हुआ, जिनका अपमान हुआ और जिनकी उपेक्षा की गई। किसी भी समाज में जो लोग वंचित हैं उन्हें आगे लाना चाहिए, यही भारत के संविधान की मूल भावना है। उन्हें इस तरह से आगे लाना होगा जिससे उनका सम्मान कम न हो। अधिकार देना और सम्मानपूर्वक अधिकार देना दोनों में बहुत अंतर है। इसलिए इसका नाम कमजोर और वंचित वर्ग की बजाय अन्य पिछड़ा वर्ग किया जाना जरूरी है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा वो कहते हैं, “कुछ लोगों ने इसे कमतर आंकने की भी कोशिश की…किसी ने कहा कि सिर्फ नाम बदला जा रहा है। मैं उन सभी से कहना चाहूंगा कि अगर हमारे अंदर थोड़ी सी भी सहानुभूति है तो हमें देखना होगा कि सम्मान जुड़ा हुआ है” नाम को. ये वही लोग देख सकते हैं जो इन्हें अपने भाई की तरह समझकर आगे लाना चाहते हैं। जो इसे अपने राजनीतिक फायदे के लिए वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करते हैं…नरेंद्र मोदी एक ऐसे नेता हैं जिनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ और आज देश के प्रधानमंत्री बन गए। वह गरीबों का दर्द जानते हैं…”
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah speaks on The Jammu and Kashmir Reservation (Amendment) Bill, 2023 & The Jammu and Kashmir Reorganisation Bill, 2023
He says, “A few people also tried to underestimate it…someone said that only the name is being changed. I would like to… pic.twitter.com/7W5KkHbxlP
— ANI (@ANI) December 6, 2023
बता दे कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से आज दो बिल संसद पेश किये गये है। इनमें पहला जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 जबकि दूसरा जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 है। पहला बिल जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी प्रवासियों और पीओके से विस्थापित लोगों के लिए सीट रिजर्व रखने का प्रावधान करता है. वहीं, दूसरा बिल वंचित और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान करता है।