Omar Abdullah on Three New Criminal Laws: नई दिल्ली। देश में सोमवार को तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए, जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में दूरगामी बदलाव आएंगे। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 आज से पूरे देश में प्रभावी हो गए हैं। इन तीनों कानून ने ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।
इसी कड़ी में 3 नए आपराधिक कानून पर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कोई कानून अपने-आप में खराब नहीं होता, कानून को किस तरह से इस्तेमाल किया जाता है खराबी उसमें है। ये जो कानून आज से लागू किए जा रहे हैं इनमें गलत इस्तेमाल की जितनी आशंका है, इससे पहले जो कानून थे उनमें इतनी नहीं थी। हुकूमत को मौका मिलता है तो वो कानूनों का गलत इस्तेमाल करते हैं। ये हुकूमत भाजपा की हुकूमत नहीं है। उनके पास अपना बहुमत नहीं है। उम्मीद है कि NDA के सदस्य इन कानूनों पर दोबारा सोच विचार करने का काम करेंगे।
#WATCH श्रीनगर: 3 नए आपराधिक कानून पर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, “…कोई कानून अपने-आप में खराब नहीं होता, कानून को किस तरह से इस्तेमाल किया जाता है खराबी उसमें है। ये जौ कानून आज से लागू किए जा रहे हैं इनमें गलत इस्तेमाल की जितनी आशंका है, इससे… pic.twitter.com/hwQKyNrl0p
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 1, 2024
तीन नए आपराधिक कानूनों पर बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा “सबसे पहले मैं सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देना चाहूंगा कि आजादी के लगभग 77 साल बाद हमारी अपराधी न्याय प्रणाली पूरी तरह स्वदेशी हो गई है। यह भारतीय मूल्यों पर काम करेगी। 75 साल बाद इन कानूनों पर चर्चा की गई और आज जब ये कानून प्रभावी हो रहे हैं तो ब्रिटिश काल के कानून पूरी तरह से खत्म हो रहे हैं।
Omar Abdullah on Three New Criminal Laws: अब भारतीय संसद में बने नियम प्रभावी होंगे। दंड की जगह अब न्याय मिलेगा। अब देरी की बजाय तेजी से सुनवाई होगी और जल्द न्याय मिलेगा। पहले सिर्फ पुलिस के अधिकारों का बचाव होता था, लेकिन अब पीड़ित और शिकायतकर्ता के अधिकारों की भी सुरक्षा होगी।”