जम्मू कश्मीर चुनाव धर्म की नहीं, बल्कि कर्म की बात है : फारूक अब्दुल्ला

जम्मू कश्मीर चुनाव धर्म की नहीं, बल्कि कर्म की बात है : फारूक अब्दुल्ला

  •  
  • Publish Date - September 23, 2024 / 07:48 PM IST,
    Updated On - September 23, 2024 / 07:48 PM IST

सुरनकोट/राजौरी/जम्मू, 23 सितंबर (भाषा) नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने लोगों से एकजुट होने और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ इसके गठबंधन का पुरजोर समर्थन करने की सोमवार को अपील करते हुए कहा कि अभी यह धर्म की नहीं, बल्कि कर्म की बात है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने देश भर में नफरत फैलाने वाली ‘‘ताकतों’’ के खिलाफ लड़ाई पर जोर दिया, जिनके बारे में उन्होंने दावा किया कि वे सत्ता में बने रहने के लिए देश को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि वह अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाते रहेंगे क्योंकि यह जम्मू कश्मीर के लोगों के सम्मान से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि ‘‘लगातार’’ आतंकी हमले, विशेष रूप से शांतिपूर्ण जम्मू क्षेत्र में, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के इस दावे का खंडन करते हैं कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ ही आतंकवाद ‘‘खत्म’’ हो गया।

सुरनकोट में एक रैली को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष किया और ‘मंगलसूत्र’ के बारे में उनकी टिप्पणी की आलोचना की।

उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी जनता के बीच नफरत भड़काने के लिए की गई थी।

कुछ महीने पहले संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार करते हुए मोदी ने मुसलमानों का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि कांग्रेस की योजना लोगों की गाढ़ी कमाई और कीमती सामान ‘‘घुसपैठियों’’ एवं ‘‘अधिक बच्चे पैदा करने वालों’’ को देने की है तथा अगर वह सत्ता में आई तो ‘‘माताओं और बहनों का सोना’’ चुरा लेगी।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आज यह धर्म की नहीं है, बल्कि यह कर्म की बात है क्योंकि नफरत के खिलाफ यह बड़ी जंग है। भारत में नफरत फैला रहे दलों को क्या हम दफन कर सकते हैं।’’

अब्दुल्ला, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ कांग्रेस-नेकां गठबंधन के उम्मीदवार मोहम्मद शाहनवाज के समर्थन में चुनाव प्रचार कर रहे थे, जो सीमावर्ती जिले पुंछ के सुरनकोट विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार हैं।

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘अगर आज आप उस नफरत को खत्म करना चाहते हैं और उन ताकतों को खत्म करना चाहते हैं, तो हाथ (कांग्रेस के चुनाव चिह्न) के निशान पर वोट दें और भारत को मजबूत करें, जो हम सभी का है।’’

उन्होंने गठबंधन की सफलता के महत्व पर भी जोर दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह लड़ाई उस नफरत के खिलाफ है जो भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पूरे देश में फैला रहे हैं।

उन्होंने सत्ता पर काबिज रहने के लिए हिंदुओं और मुसलमानों, हिंदुओं और सिखों तथा हिंदुओं और ईसाइयों के बीच टकराव पैदा करने की कोशिश की है। लेकिन वे असफल हो रहे हैं और उनकी रणनीति काम नहीं कर रही है।’’

प्रधानमंत्री मोदी के ‘मंगलसूत्र’ संबंधी बयान को लेकर उनपर सीधा हमला करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘वह कहते हैं कि मुसलमानों के अधिक बच्चे होते हैं। क्या उनका मतलब यह है कि अगर दो घर हैं तो उनमें से एक मुस्लिम को दे दिया जाना चाहिए?’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह कहते हैं कि वे आपका मंगलसूत्र छीन लेंगे और आपस में बांट लेंगे। ये वही लोग हैं जो नफरत फैलाए बिना नहीं रह सकते। अगर हम इस नफरत को खत्म करना चाहते हैं, तो हमें एकजुट होना होगा और तभी यह संभव होगा।’’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘अगर हम इस नफरत को खत्म करना चाहते हैं तो हमें एक साथ आना होगा। यही कारण है कि नेकां और कांग्रेस एकजुट हुए हैं। हमें एहसास हुआ कि नफरत से भरी इन पार्टियों को बाहर करने के लिए हमें हाथ मिलाना होगा और बलिदान देना होगा।’’

उन्होंने सांप्रदायिक सद्भाव की भी अपील की और कहा, ‘‘हम सभी को एकजुट होकर इस लड़ाई को लड़ना होगा – हिंदू, मुस्लिम, गुज्जर, कश्मीरी, शिया और सुन्नी। आज, यह धर्म की बात नहीं है। यह कर्म की बात है क्योंकि नफरत के खिलाफ यह एक बड़ी लड़ाई है।’’

अब्दुल्ला ने चौधरी मोहम्मद अकरम का जिक्र किया, जो इस निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे बागी उम्मीदवार हैं, और उनसे गठबंधन के ‘‘व्यापक हित’’ के लिए चुनाव से अपना नाम वापस लेने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, ‘‘अकरम साहब, आपका यह रुख उन ताकतों को मजबूत करता है जो नहीं चाहते कि हम शांति से रहें।’’

नेकां उम्मीदवार चौधरी जाविद के समर्थन में बुढाल में एक चुनावी रैली से इतर संवाददाताओं से बात करते हुए अब्दुल्ला ने विश्वास जताया कि चुनाव के बाद उनकी पार्टी अपने गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के साथ सरकार बनाएगी।

एक सवाल के जवाब में अब्दुल्ला ने कहा कि अनुच्छेद 370 की बहाली एक कानूनी लड़ाई है और यह जम्मू-कश्मीर के लोगों के सम्मान से जुड़ा हुआ है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने अयोध्या के राम मंदिर में अनुसूचित जाति की सफाई कर्मी महिला के साथ कथित बलात्कार पर प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘‘चुप्पी’’ पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘क्या वह हमारी बहन और बेटी नहीं है? वे कहते हैं कि हम नागरिकों की रक्षा करते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि उन्हें केवल अपनी कुर्सी की चिंता है।’’

महिला ने नौ लोगों पर बलात्कार का आरोप लगाया था। अयोध्या के कैंट थाने में दर्ज कराई गई उसकी शिकायत के अनुसार, 16 से 25 अगस्त के बीच तीन अलग-अलग मौकों पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।

भाषा सुभाष रंजन

रंजन