जमीयत ने बाबरी विध्वंस पर फैसले पर सवाल खड़े किए

जमीयत ने बाबरी विध्वंस पर फैसले पर सवाल खड़े किए

जमीयत ने बाबरी विध्वंस पर फैसले पर सवाल खड़े किए
Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 pm IST
Published Date: September 30, 2020 1:02 pm IST

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बाबरी विध्वंस मामले में विशेष अदालत के फैसले को लेकर सवाल खड़े करते हुए बुधवार को दावा किया कि यह फैसला पिछले साल अयोध्या मामले में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ है।

जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा, ‘‘सवाल यह है कि जब बाबरी मस्जिद तोड़ी गई तो फिर सीबीआई की नज़र में सब निर्दोष कैसे हो गए? क्या यह न्याय है?’’

उन्होंने दावा किया कि यह फैसला पिछले साल अयोध्या मामले में आए उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ है।

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गौरतलब है कि सीबीआई की विशेष अदालत ने छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में बुधवार को बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी, यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी।

भाषा हक हक नरेश

नरेश


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