नई दिल्ली। अयोध्या मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट कभी भी अपना फैसला सुना सकती है। इस लेकर लोग खुलकर अपनी बातें रख रहे हैं। जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा है कि शरिया के मुताबिक बाबरी में मस्जिद थी और वहां कयामत तक सिर्फ मस्जिद ही रहेगी। इसके साथ ही मदनी ने कहा कि वह अयोध्या-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा उसे मानेंगे।
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मदनी ने सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हुए कहा कि कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करेंगे। वहीं, बार-बार फैसला विफल होने को लेकर कहा कि दोनों पक्ष अपनी—अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे जिसकी वजह से यह मामला सालों सुलझ ही नहीं रहा था। हम शुरूआत से राम चबूतरा को स्वीकार करने के लिए तैयार थे, भले ही विवादित वक्फ भूमि में राम चबुतरा, राम भंडारा और सीता रसोई हों। वहीं अब जाकर कोर्ट अपना अंतिम फैसला सुनाएगा।
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