Session of Jamiat Ulema-e-Hind: नई दिल्ली। संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का बवाल अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि एक नया बवाल शुरू हो गया है। दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद का अधिवेशन चल रहा है। 34वें अधिवेशन में मौलाना अरशद मदानी के बयान ने एक बार फिर नया बवाल शुरू कर दिया है। मौलाना अरशद मदनी ने मोहन भागवत की आलोचना करते हुए कहा कि अल्लाह और ओम एक हैं। इस पर जैन गुरु लोकेश मुनि ने आपत्ति जताई, जिसके बाद जैन और कई दूसरे धर्मगुरुओं ने मंच छोड़ दिया।
Session of Jamiat Ulema-e-Hind: दरअसल, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान गलत था। अल्लाह और ओम एक हैं। मदनी ने कहा कि हम सबसे पहले इसी देश में पैदा हुए और इसलिए घर वापसी और सारे मुसलमान भी हिंदू हैं, यह बयान जाहिल जैसा है। मदनी के बयान पर जैन गुरु लोकेश मुनि ने स्टेज पर खड़े होकर विरोध जताया और कहा कि जोड़ने वाले कार्यक्रम में आपत्तिजनक बातें क्यों?
Session of Jamiat Ulema-e-Hind: इससे पहले महमूद मदनी ने कहा था कि बीजेपी और RSS से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे वैचारिक मतभेद हैं। RSS के संस्थापक की किताब बंच ऑफ थॉट्स को लेकर कई समस्याएं हैं, लेकिन वर्तमान RSS प्रमुख के हालिया बयानों को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम मतभेदों को खत्म करने के लिए आरएसएस प्रमुख और उनके नेताओं का स्वागत करते हैं।
Session of Jamiat Ulema-e-Hind: अधिवेशन में महमूद मदनी ने कहा था कि मुसलमानों को पैगंबर का अपमान मंजूर नहीं है। पैगंबर के खिलाफ बयानबाजी भी सही नहीं है। शिक्षा का भगवाकरण हो रहा है। किसी भी धर्म की पुस्तकें दूसरों पर थोपी नहीं जानी चाहिए। यह मुसलमानों के लिए अस्वीकार्य है, भारतीय संविधान के लोकाचार के खिलाफ है।
Session of Jamiat Ulema-e-Hind: जमीयत की मंच से स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि नफरत से किसी का भला नहीं हुआ, लेकिन मोहब्बत से पूरी जिंदगी गुजारी जा सकती है। मजहब के नाम पर बंटवारा हुआ तो एक देश दो हो गए। वहीं जमीयत ने कहा कि कुछ समय से न्यायालयों के कुछ फैसलों के बाद यह धारणा बन रही है कि अदालतें सरकारों के दबाव में काम कर रही हैं।
ये भी पढ़ें- अब प्राइवेट कर्मचारियों को मिलेगा 180 दिन की छुट्टी का लाभ, वित्त विभाग ने दी मंजूरी, जानें किसे मिलेगा लाभ
ये भी पढ़ें- अटकी पदों की भर्ती का रास्ता हुआ साफ, TGT सेवा नियमों में हुआ संशोधन, इन पदों पर होनी है भर्ती
#WATCH दिल्ली: जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी के संबोधन के बाद मंच पर उपस्थित आचार्य लोकेश मुनि (जैन मुनि) ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा, "हम उनके(अरशद मदनी) वक्तव्य से सहमत नहीं है। हम केवल आपस में मिलजुल कर रहने से सहमत हैं।" https://t.co/LB4GPrpL39 pic.twitter.com/kNSH849N42
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2023