कोलकाता, 27 नवंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) कोलकाता ने बुधवार को कहा कि उन्होंने बांग्लादेश में अपने पुजारियों और हिंदू वैष्णव धार्मिक संस्था के अन्य सदस्यों पर लगातार हो रहे हमलों के बारे में केंद्र को अवगत कराया है।
इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बांग्लादेश में इस्कॉन पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी इस्कॉन के पुजारियों और भक्तों के साथ-साथ हिंदुओं सहित अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों पर लगातार हो रहे हमलों और उत्पीड़न का उदाहरण है।
दास ने बताया, “इस्कॉन व रामकृष्ण मिशन जैसे अन्य हिंदू धार्मिक संगठनों के सदस्यों की गिरफ्तारी और इस्लामवादियों से मिल रही धमकियां पिछले तीन महीनों से जारी हैं। दास की गिरफ्तारी अब तक की नई घटना है। स्थिति चिंताजनक है। हमने विदेश मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस तरह के हमलों से प्रभावित लोगों के जीवन और संपत्तियों को बचाने और उनकी रक्षा करने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया है।”
इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष दास ने कहा, “हमने केंद्र सरकार से बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालने का आग्रह किया ताकि ऐसी घटनाएं रुकें।”
उन्होंने कहा कि इस्कॉन यह भी चाहता है कि संयुक्त राष्ट्र इस स्थिति पर संज्ञान ले और चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई के लिए जो भी आवश्यक हो वह करे।
दास ने कहा कि चिन्मय कृष्ण दास को पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग उठाने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता ने कहा, “हाल के दिनों में बांग्लादेश में कई स्थानों पर हमारे पुजारियों का अपहरण कर लिया गया और कुछ को जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं लेकिन वहां के अधिकारियों ने बताए जाने के बावजूद हमारी चिंताओं को दूर करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए।”
बांग्लादेश में प्रमुख हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को राजद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार किया गया है और अदालत ने मंगलवार को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया।
ढाका और चटगांव में हिंदू समुदाय के सदस्यों के विरोध प्रदर्शनों के बीच ब्रह्मचारी को जेल भेज दिया गया।
भाषा जितेंद्र नरेश
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