Iqra Hassan opposed the Triple Talaq Law: नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन (Iqra Hassan) अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहती हैं। उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट से सांसद इकरा अपनी सादगी और खूबसूरती के लिए जानी जाती हैं। अब एक बार फिर वे अपने बयान के कारण सुर्खियों में हैं।
राजनीति में कदम रखते ही सांसद बनीं इकरा हसन ने हाल ही में तीन तलाक (Triple Talaq) के मुद्दे पर अपनी राय जाहिर की है। उनका यह बयान एक पॉडकास्ट इंटरव्यू के दौरान सामने आया, जहां उनसे तीन तलाक पर भारत में लागू कानून के संदर्भ में सवाल किया गया।
Iqra Hassan opposed the Triple Talaq Law: इकरा हसन से जब शालिनी कपूर तिवारी के पॉडकास्ट में यह पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत में तीन तलाक को समाप्त किए जाने पर उनकी क्या राय है, तो उन्होंने खुलकर अपने विचार रखे।
इकरा ने कहा, “अगर हम इस मुद्दे को तकनीकी और तार्किक नजरिए से देखें, तो यह एक सिविल मामला है और इसे उसी दायरे में रखा जाना चाहिए। किसी सिविल विवाद के लिए किसी को अपराधी बनाना और कानूनी सजा देना उचित नहीं लगता। ऐसा कोई अन्य कानून में भी नहीं होता।”
Iqra Hassan opposed the Triple Talaq Law: उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून ऐसा प्रतीत होता है जैसे इसे केवल मुस्लिम समुदाय के लोगों को जेल में डालने के उद्देश्य से बनाया गया हो।
इकरा हसन के इस बयान ने एक बार फिर से तीन तलाक के मुद्दे को लेकर बहस छेड़ दी है। उनका मानना है कि इस तरह के कानून को सामाजिक और कानूनी संतुलन के साथ लागू किया जाना चाहिए।
Iqra Hassan opposed the Triple Talaq Law: इकरा, जो राजनीति में अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रही हैं, अपने स्पष्ट और बेबाक बयानों के लिए जानी जाती हैं। उनकी यह राय सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।
Educated in London, won the fight among Hindu castes, Got votes with an Image of secularism, Made women think as one who will fight for their rights- Kairana MP Iqra Hasan is now justifying “Triple Talaq”, that too by speaking in English.. pic.twitter.com/T112vAStn9
— Megh Updates
(@MeghUpdates) December 23, 2024
इकरा हसन का मानना है कि तीन तलाक एक सिविल मामला है और इसे सिविल विवाद के दायरे में ही रहना चाहिए। किसी सिविल मुद्दे पर अपराधीकरण और कानूनी सजा को वे उचित नहीं मानतीं।
इकरा हसन का कहना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर बनाया गया प्रतीत होता है और इसका उद्देश्य समुदाय के पुरुषों को सजा देना हो सकता है।
नहीं, इकरा हसन ने कानून को खारिज करने की बात नहीं की। उनका सुझाव है कि इसे सामाजिक और कानूनी संतुलन के साथ लागू किया जाना चाहिए।
जी हां, इकरा हसन का बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
इकरा हसन समाजवादी पार्टी की सांसद हैं और उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं। उनकी बेबाक राय और बयान उन्हें चर्चाओं में बनाए रखते हैं।