नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को कहा कि 2014 के बाद से शहरी क्षेत्र में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उन्होंने 2047 तक ‘विकसित भारत’ के नजरिये को साकार करने के लिए केंद्र की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया।
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री खट्टर ने अपने मंत्रालय की उपलब्धियों पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शहरी क्षेत्र में निवेश में 16 गुना वृद्धि हुई है, जो 2004 से 2014 के बीच लगभग 1,78,053 करोड़ रुपये से बढ़कर 2014 से अब तक 28,52,527 करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में शहरी विकास योजनाओं का विस्तार किया गया है और उन्हें अधिक गति और दक्षता के साथ क्रियान्वित किया गया है।
खट्टर ने इस बात पर भी जोर दिया कि शहरीकरण की तीव्र गति ने शहरी विकास को भारत की विकास रणनीति का एक प्रमुख स्तंभ बना दिया है।
मंत्री ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत 2004 से 2014 के बीच 66,837 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मंजूर की गईं थीं, लेकिन मोदी सरकार ने 2014 से अटल कायाकल्प और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) के तहत 2.73 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
खट्टर ने शहरी आवास और पीएमएवाई 2.0 के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के दूसरे चरण के तहत एक नयी किराया आवास श्रेणी पेश की गयी है, जिससे प्रवासी आबादी को लाभ होगा।
इस योजना के अंतर्गत नियोजित एक करोड़ शहरी आवासों में से लगभग सात प्रतिशत के लिए अनंतिम मंजूरी जैसी नयी पहल की गई है और इससे समय पर आवंटन सुनिश्चित होगा तथा प्रक्रिया में तेजी आएगी।
उन्होंने बताया कि पीएमएवाई 2.0 के तहत 88.32 लाख घरों का निर्माण किया गया है।
खट्टर ने कहा कि 25 शहरों में चल रही पायलट परियोजना के परिणामों के आधार पर शीघ्र ही संशोधित राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) शुरू किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के तहत अब तक 13,422 करोड़ रुपये की ऋण राशि वितरित की जा चुकी है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत नौ जून 2024 से अब तक सरकार 1,123 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी कर चुकी है।
भाषा रवि कांत प्रशांत
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