Amit Shah Speech in Parliament: नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को संसद में अपने भाषण में मोदी सरकार के 9 साल में जम्मू और कश्मीर में कितना घटा आतंकवाद? इसके आंकड़े गिनाए। केंद्र शासित प्रदेश में उपलब्धियों का आह्वान किया, खासकर 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले के बाद। अमित शाह ने न केवल दावा किया बल्कि आतंकवाद की घटनाओं में भारी कमी आई है और केंद्र शासित प्रदेश में सर्वांगीण सामाजिक-आर्थिक विकास को इंगित करने के लिए विस्तृत आंकड़े भी दिए।
इसके साथ ही अमित शाह ने संसद में विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी सरकार नेहरू के युग से लेकर विभिन्न कांग्रेस शासनों के दौरान की गई कई ऐतिहासिक गलतियों या भूलों को दूर कर रही है। अमित शाह के भाषण का सार एक बिंदु पर केंद्रित था- कि धारा 370 के कमजोर होने के बाद कश्मीर एक पूर्ण परिवर्तन की राह पर है क्योंकि इस कदम ने केंद्र सरकार को जलविद्युत और सिंचाई परियोजनाओं से लेकर मल्टीप्लेक्स तक विकास परियोजनाओं की एक श्रृंखला शुरू करने की अनुमति दी है। शहरों में, जैसा कि केंद्र ने पिछले तीन वर्षों में “शून्य आतंक योजना” और “पूर्ण प्रभुत्व योजना” लागू करने के लिए कदम उठाया है।
अनुच्छेद 370 पर अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने से आतंकवाद खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की जड़ धारा 370 के कारण पैदा हुई अलगाववाद की भावना है और धारा 370 हटने से अलगाववाद में भारी कमी आएगी और इससे आतंकवाद भी कम होगा। इसके साथ ही उन्होंनें आंकड़े भी गिनाए, कहा कि जम्मू और कश्मीर में पीएम मोदी के 9 साल के कार्यकाल में 70 प्रतिशत और नागरिकों की मौतों में 81 प्रतिशत की कमी आई है।
आतंकवाद की घटनाएंः अमित शाह ने बताया कि 2004 से 2014 के बीच आतंकवाद की 7,217 घटनाएं हुईं। जबकि, बीते 10 साल में आतंकवाद की 2,197 घटनाएं हुईं।
पत्थरबाजी की घटनाएंः उन्होंने बताया कि 2010 में पत्थरबाजी की 2,656 घटनाएं सामने आई थीं। जबकि, इस साल पत्थरबाजी की एक भी घटना नहीं हुई। 2010 में पथराव से 112 लोगों की मौत हुई थी, जबकि इस साल एक भी मौत नहीं हुई।
सीजफायर उल्लंघनः अमित शाह के मुताबिक, 2010 में पाकिस्तान की ओर से 70 बार सीजफायर का उल्लंघन किया गया था, जबकि इस साल सिर्फ 6 बार ही सीजफायर उल्लंघन हुआ है।
अमित शाह ने आगे कहा कि सभी आतंकवाद विरोधी एजेंसियों को ऐसा क्रूर रुख अपनाना चाहिए ताकि कोई नया आतंकवादी संगठन न बन सके। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एनआईए, एटीएस और एसटीएफ का काम सिर्फ जांच तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें आतंकवाद से निपटने के लिए लीक से हटकर सोचना चाहिए और नये कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक स्तर से लेकर जमीनी स्तर तक सहयोग की आवश्यकता है, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी शामिल है। शाह ने कहा कि एनआईए, एटीएस और एसटीएफ का काम सिर्फ जांच तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें आतंकवाद से निपटने के लिए लीक से हटकर सोचना चाहिए और नये कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक स्तर से लेकर जमीनी स्तर तक सहयोग की आवश्यकता है, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी शामिल है।