सनातन का अपमान करना कांग्रेस की विरासत का है हिस्सा: जयराम ठाकुर

सनातन का अपमान करना कांग्रेस की विरासत का है हिस्सा: जयराम ठाकुर

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  • Publish Date - January 28, 2025 / 10:32 PM IST,
    Updated On - January 28, 2025 / 10:32 PM IST

(फाइल फोटो के साथ)

शिमला, 28 जनवरी (भाषा) हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता जयराम ठाकुर ने प्रयागराज में संगम में पार्टी नेताओं के डुबकी लगाने पर टिप्पणी करने को लेकर मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की आलोचना की।

ठाकुर ने कहा कि सनातन धर्म का अनादर करना कांग्रेस की विरासत और स्वभाव का हिस्सा रहा है।

खरगे ने सोमवार को कटाक्ष किया था कि भाजपा नेता कैमरों के सामने संगम में डुबकी लगाने के लिए एक-दूसरे से होड़ कर रहे हैं । उन्होंने सवाल किया था कि क्या उनके इस कृत्य से देश में गरीबी उन्मूलन में मदद मिलेगी।

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता ठाकुर ने एक बयान में कहा, ‘‘ जमीनी स्तर के नेताओं से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक कांग्रेस सनातन धर्म का अपमान करने का कोई मौका नहीं चूकती है। सनातन धर्म का विरोध करने की बात आती है तो कांग्रेस के नेता बुनियादी तथ्यों और तर्कों को भी लगातार नकारते हैं।’’

कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की जनता द्वारा नकारे जाने से कांग्रेस की हताशा स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक बार फिर सनातन का अपमान करने की राह पर चल पड़े हैं।

उन्होंने कांग्रेस पर देश की प्रगति की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘अगर उन्हें दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल चिनाब पुल और उसको पार करती वंदे भारत ट्रेन का भव्य नजारा नहीं दिखता, तो क्या उन्हें रोजाना हजारों करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ नहीं दिख सकता? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के चौगुने विकास के बावजूद कांग्रेस अनभिज्ञ बनी हुई है।’’

उन्होंने कहा कि 144 वर्षों के बाद होने वाले महाकुंभ ने उद्योगपतियों और शीर्ष व्यापारिक हस्तियों समेत दुनिया भर से लाखों लोगों को आकर्षित किया है लेकिन कांग्रेस के नेता महाकुंभ के लाभ देखने में असफल है जो उनकी कमजोर आर्थिक समझ या संकीर्ण मानसिकता का परिणाम है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने भी कहा कि कांग्रेस नेता हिंदुओं को अपमानित करने का कोई मौका नहीं चूकते हैं।

भाषा

राजकुमार माधव

माधव