मासूम का गैंगरेप, हत्या के बाद खाया कलेजा, संतान की चाह ने दंपति को बनाया हैवान, पुलिस ने लगाया NSA

मासूम का गैंगरेप, हत्या के बाद खाया कलेजा, संतान की चाह ने दंपति को बनाया हैवान, पुलिस ने लगाया NSA

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  • Publish Date - June 21, 2021 / 03:58 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:46 PM IST

लखनऊ।  उत्तर प्रदेश के कानपुर में  एक बेहद खौफनाक मामला सामने आया है।  यहां एक दंपति ने अपनी  संतान की चाह में एक 7 साल की बच्ची का सामूहिक दुष्कर्म  किया, इसके बाद  तांत्रिक के कहने पर मासूम की हत्या कर दी, इसके बाद इंसान से हैवान बने पति-पत्नि ने बच्ची का कलेजा निकाल लिया ।

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ये सनसनीखेज वारदात बीते  साल नवंबर 2020 में कानपुर के घाटमपुर इलाके में दीपावली के दिन हुई थी।  इस मामले में ताजा अपडेट के मुताबिक  पुलिस ने मासूम की हत्या करने वाले दंपति समेत चार आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानि NSA के तहत कार्रवाई की है। पुलिस की दी गई जानकारी के मुताबिक एक दंपत्ति ने बच्चे की चाह में तांत्रिक के कहने पर ये दिल दहला देने  वाला  अपराध किया था। पति-पत्नि और इनके दो सहयोगियों ने दिवाली के दिन अमावस्या की रात को एक अनुष्ठान कर मासूम की हत्या कर उसका कलेजा निकाल लिया था।

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कानपुर पुलिस की दी गई जानकारी के मुताबिक इस मामले में परशुराम और उनकी पत्नी सुनैना समेत चार आरोपियों के विरुद्ध NSA के तहत कार्रवाई  की गई है।  पुलिस ने बताया कि एक युवक और उसके साथी ने अपने पड़ोसी की 7 साल की एक बच्ची की हत्या कर दी थी, उसका कलेजा निकाला था और उन्हें अपने चाचा और चाची को दीवाली पर एक ‘तांत्रिक’ (गुप्त) अनुष्ठान के हिस्से के रूप में खाने के लिए दिया था, ताकि नि:संतान दंपत्ति के बच्चे हो सकें.’।

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शुरुआती जांच में ये बात सामने आई थी कि  दो युवकों ने बच्ची का दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी थी। हालांकि बच्ची के शरीर के कई अंग गायब थे। इस संबंध में पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही थी। पुलिस की सख्ती  के आगे युवक अंकुल टूट गया और अपने नि:संतान चाचा परशुराम और चाची सुनैना के कहने पर मानव बलि अनुष्ठान के तहत अपने दोस्त वीरन के साथ मिलकर मासूम  की हत्या करने की बात कबूल कर ली।

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आरोपी अंकुल ने बताया  कि उसने नशे की स्थिति में अपने दोस्त की सहायता  से मासूम की हत्या की थी।  आरोपी ने बताया कि उसके  चाचा और चाची ने उन्हें 1,000 रु दिए थे, चाचा के कहने पर उसने अपने पड़ोसी की 7 साल की बच्ची का अपहरण करने और उसकी बलि देने और दीपावली की रात उसके कलेजा समेत कई अंगों को लाने के लिए कहा था।  पुलिस ने कहा कि मानव बलि इसलिए दी गई, ताकि उनकी शादी के 21 साल बाद भी संतान नहीं हुई थी।