इनेलो-बसपा की हरियाणा विस चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा, अभय चौटाला होंगे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार

इनेलो-बसपा की हरियाणा विस चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा, अभय चौटाला होंगे मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार

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  • Publish Date - July 11, 2024 / 04:58 PM IST,
    Updated On - July 11, 2024 / 04:58 PM IST

चंडीगढ़, 11 जुलाई (भाषा) इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) ने इस साल के अंत में होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने पूर्व सहयोगी दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से फिर से हाथ मिलाने का फैसला किया है। दोनों दलों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की।

गठबंधन के नेताओं ने इनेलो नेता अभय चौटाला को अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने का भी फैसला किया है।

दोनों दलों के बीच हुए सीटों के बंटवारे के तहत हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों में से बसपा 37 पर चुनाव लड़ेगी जबकि बाकी की सीटों पर इनेलो चुनाव लड़ेगी।

चंडीगढ़ के बाहरी इलाके नयागांव में बसपा के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अभय चौटाला ने कहा कि यह गठबंधन स्वार्थी हितों पर आधारित नहीं है बल्कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

चौटाला ने कहा, ‘‘हरियाणा में हमने आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला किया है। आज, आम जनता ने भाजपा को सत्ता से बेदखल करने और कांग्रेस को सत्ता से दूर रखने का मन बना लिया है जिसने पहले 10 साल तक राज्य को लूटा।’’

बसपा के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद ने कहा कि हाल में बसपा सुप्रीमो मायावती और अभय चौटाला ने गठबंधन के संबंध में एक लंबी बैठक की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘उस बैठक में यह तय किया गया कि हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों में से बसपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि बाकी की सीटों पर इनेलो चुनाव लड़ेगी।’’

आनंद ने कहा कि अगर गठबंधन राज्य में सत्ता में आता है तो अभय चौटाला मुख्यमंत्री बनेंगे।

उन्होंने कहा कि यह गठबंधन केवल विधानसभा चुनाव लड़ने तक सीमित नहीं होगा और हम भविष्य में राज्य में अन्य चुनाव भी मिलकर लड़ेंगे।

घोषणा के तुरंत बाद मायावती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि बसपा और इनेलो जन विरोधी दलों को हराने तथा एक नयी गठबंधन सरकार बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा में होने वाला विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी और इण्डियन नेशनल लोकदल मिलकर वहाँ की जनविरोधी पार्टियों को हराकर, अपने नये गठबंधन की सरकार बनाने के संकल्प के साथ लड़ेंगे। इसकी घोषणा मेरे आशीर्वाद के साथ आज चंडीगढ़ में संयुक्त प्रेसवार्ता में की गयी।”

मायावती ने कहा, ‘‘इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला तथा बसपा के आनन्द कुमार, राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनन्द और पार्टी के राज्य प्रभारी रणधीर बेनीवाल की आज हुई प्रेसवार्ता से पहले दोनों पार्टियों के बीच नयी दिल्ली में मेरे निवास पर गठबंधन को लेकर सफल वार्ता हुई।’’

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर पूरी तरह सर्वसम्मति है और उन्होंने उम्मीद जतायी कि दोनों दलों के बीच एकता से विरोधियों को हराने तथा नयी सरकार बनाने में मदद मिलेगी।

अभी, हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में चौटाला इनेलो के इकलौते सदस्य हैं जबकि बसपा का कोई सदस्य नहीं है।

चौटाला ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे चाहेंगे कि कांग्रेस तथा भाजपा विरोधी और दल गठबंधन का हिस्सा बनें और एक मजबूत मोर्चा बनाएं।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘अगर आवश्यकता पड़ी तो हम आम आदमी पार्टी (आप) से भी बात कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि दूसरे दलों से बातचीत करने के लिए एक समिति बनायी जाएगी।

चौटाला ने कहा कि अगर अन्य दल गठबंधन में शामिल होते हैं तो इनेलो अपने हिस्से की सीटें साझा करेंगी। बहरहाल, उन्होंने इस पर जवाब नहीं दिया कि क्या जजपा भी इस गठबंधन में शामिल हो सकती है।

इस मौके पर गठबंधन के नेताओं ने सत्ता में आने पर लोगों को विभिन्न रियायतें देने का वादा किया।

चौटाला ने कहा, ‘‘हम ऐसी व्यवस्था बनाएंगे कि किसी घर का 500 रुपये (प्रति माह) से ज्यादा का बिजली का बिल न आए। लोगों से पीने के पानी का शुल्क नहीं लिया जाएगा।’’

गठबंधन द्वारा किए गए अन्य वादों में वृद्धावस्था पेंशन को 3,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 7,500 रुपये करना, प्रत्येक घर को निशुल्क एलपीजी सिलेंडर देने के साथ ही महिलाओं को रसोई के खर्च के लिए 1,100 रुपये देना, बेरोजगार युवकों को 21,000 रुपये का बेरोजगारी भत्ता देना और अनुसूचित जाति के गरीब लोगों को 100 वर्ग यार्ड प्लॉट निशुल्क देना शामिल है।

इनेलो विधायक ने यह भी कहा कि अनुसूचित जाति से संबंधित पहले के रिक्त पद भरे जाएंगे। लोगों को असुविधा पहुंचा रहे कई पोर्टल बंद किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाएगी।

चौटाला ने कहा कि ये सभी वादे मंत्रिमंडल की पहली बैठक में पूरे किए जाएंगे।

चौटाला ने कहा कि चौधरी देवी लाल और बसपा संस्थापक दिवंगत कांशी राम ने इस देश में एक बड़ा बदलाव लाने के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि बसपा और इनेलो सोच रही हैं कि गरीबों को न्याय कैसे मिलेगा और कमजोर वर्ग कैसे सशक्त होगा।

फरवरी 2019 में बसपा ने इनेलो के साथ अपना करीब नौ माह पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। इनेलो उस वक्त हरियाणा में मुख्य विपक्षी दल था। चौटाला परिवार में फूट के बीच यह कदम उठाया गया था।

पूर्व सांसद और अभय चौटाला के बड़े भाई अजय सिंह चौटाला तथा अजय के बेटे दुष्यंत चौटाला ने इनेलो में फूट के बाद दिसंबर 2018 में जननायक जनता पार्टी (जजपा) बनायी थी।

इनेलो और बसपा ने हरियाणा में हाल में लोकसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था और दोनों को करारी शिकस्त मिली थी।

बसपा ने 10 संसदीय सीटों में से नौ पर चुनाव लड़ा था जबकि इनेलो ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन दोनों ही दल अपना खाता नहीं खोल पाए।

हरियाणा में इनेलो के इकलौते विधायक अभय चौटाला कुरुक्षेत्र संसदीय सीट से चुनावी मैदान में भी उतरे थे लेकिन हार गए थे।

भाषा गोला नरेश

नरेश