भारत-मंगोलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘नोमैडिक एलीफेंट’ शुरू

भारत-मंगोलिया संयुक्त सैन्य अभ्यास 'नोमैडिक एलीफेंट' शुरू

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  • Publish Date - July 3, 2024 / 10:20 PM IST,
    Updated On - July 3, 2024 / 10:20 PM IST

गुवाहाटी, तीन जुलाई (भाषा) भारत-मंगोलिया की सेनाओं का 14 दिवसीय संयुक्त सैन्य अभ्यास बुधवार को मेघालय के उमरोई में विदेशी प्रशिक्षण नोड में शुरू हुआ। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी।

बयान के मुताबिक, ‘नोमैडिक एलीफेंट’ के 16वें संस्करण में भारतीय दल का प्रतिनिधित्व सिक्किम स्काउट्स की एक बटालियन और अन्य शाखाओं तथा सैन्य कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। वहीं मंगोलियाई दल का प्रतिनिधित्व मंगोलियाई सेना की 150 त्वरित प्रतिक्रिया बल बटालियन के कर्मियों द्वारा किया जा रहा है।

बयान में बताया गया कि ‘नोमैडिक एलीफेंट’ अभ्यास एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो भारत और मंगोलिया में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। पिछला संस्करण जुलाई 2023 में मंगोलिया में आयोजित किया गया था।

इस अभ्यास का उद्देश्य आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है।

बयान के मुताबिक, ‘नोमैडिक एलीफेंट’ अभ्यास के उद्घाटन समारोह में भारत में मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गनबोल्ड और भारतीय सेना के 51 सब एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल प्रसन्ना जोशी ने भाग लिया।

यह अभ्यास अर्ध-शहरी और पर्वतीय क्षेत्रों में किये जाने वाले अभियानों पर केंद्रित होगा।

बयान के मुताबिक, अभ्यास के दौरान सामरिक अभ्यासों में आतंकवादी कार्रवाई का जवाब देना, एक संयुक्त कमान पोस्ट की स्थापना, एक खुफिया और निगरानी केंद्र की स्थापना, हेलीपैड/लैंडिंग स्थल की सुरक्षा, छोटी टीमों का समावेश और निकासी, विशेष हेलीबोर्न अभियान, घेराबंदी और तलाशी अभियान के अतिरिक्त ड्रोन और काउंटर ड्रोन सिस्टम का उपयोग आदि शामिल हैं।

मंगोलिया के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के प्रमुख मेजर जनरल ज्ञानब्याम्बा सुनरेव 16 जुलाई को भारतीय सेना की 33 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन ए. मिनवाला के साथ समापन समारोह में भाग लेंगे।

बयान के मुताबिक, इस अभ्यास से दोनों देश संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम होंगे। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन, सौहार्द और सहयोग विकसित करने में भी सहायक होगा।

भाषा जितेंद्र प्रशांत

प्रशांत