नयी दिल्ली । विमानन नियामक डीजीसीए ने शनिवार को कहा कि उसने रांची हवाईअड्डे पर एक दिव्यांग बच्चे को विमान में सवार होने से रोकने के मामले में विमान कंपनी इंडिगो पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इंडिगो ने नौ मई को कहा था कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, एक दिव्यांग बच्चे को सात मई को रांची-हैदराबाद उड़ान में सवार होने की अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि वह घबराया हुआ नजर आ रहा था।
चूंकि बच्चे को विमान में सवार होने से रोक दिया गया, इसलिए उसके साथ मौजूद माता-पिता ने भी विमान में सवार नहीं होने का फैसला किया था। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक बयान में कहा,‘‘ सात मई को रांची हवाईअड्डे पर दिव्यांग बच्चे के साथ इंडिगो के कर्मचारियों का व्यवहार गलत था और इससे स्थिति बिगड़ गई थी।’’ इसमें कहा गया है कि बच्चे के साथ करुणा का व्यवहार किया जाना चाहिए था और बच्चे की घबराहट दूर कर उसे शांत किया जाना चाहिए था।
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बयान के अनुसार विशेष परिस्थितियों में असाधारण प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है, लेकिन एयरलाइन के कर्मचारी ऐसा करने में विफल रहे। इसमें कहा गया है, ‘‘इसे देखते हुए, डीजीसीए में सक्षम प्राधिकारी ने संबंधित नियमों के प्रावधानों के तहत एयरलाइन पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है।’’ डीजीसीए ने कहा कि भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचने के लिए वह अपने स्वयं के नियमों पर फिर से विचार करेगा, जिसमें यात्री को विमान में सवार होने से रोके जाने का निर्णय लेने से पहले यात्री के स्वास्थ्य पर हवाई अड्डे के चिकित्सक की लिखित राय लेना एयरलाइंस के लिए अनिवार्य किया जायेगा।
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डीजीसीए ने घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय एक टीम का गठन किया था। टीम के प्रारंभिक निष्कर्षों में पाया था कि इंडिगो ने नियमों का उल्लंघन किया और इसलिए एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। नियामक ने न्याय सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत सुनवाई की और संबंधित पक्षों को इस घटना पर अपनी लिखित दलीलें देने की अनुमति दी। ‘कानून की उचित प्रक्रिया’’ का पालन करने के बाद, डीजीसीए ने इंडिगो पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया।
इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रॉनजय दत्ता ने एक दिव्यांग बच्चे को हैदराबाद जाने वाले विमान में सवार न होने देने की घटना पर नौ मई को खेद जताया था।उन्होंने कहा था, ‘‘हम इस दुखद अनुभव के लिए प्रभावित परिवार के प्रति खेद व्यक्त करते हैं और बच्चे के लिए ‘इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर’ खरीदने की पेशकश करना चाहते हैं।’’दत्ता ने कहा था कि एयरलाइन के कर्मचारियों ने कठिन परिस्थितियों में सबसे बेहतर निर्णय लिया।नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नौ मई को ट्वीट किया था, ‘‘ऐसे बर्ताव को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी भी इंसान को ऐसी स्थिति से नहीं गुजरना पड़े। खुद मामले की जांच कर रहा हूं।’’