नई दिल्ली। Most Powerful Indian Missiles : भारतीय सेना के पास में छोटी, मध्यम और लंबी तीनों तरह की दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें मौजूद हैं। सेना के पास में अग्नि, ब्रह्मोस, प्रलय, निर्भय जैसी कई मिसाइलें मौजूद हैं जो इसे एक मिसाइल फोर्स की तरह बनाती हैं। इन मिसाइलों के अत्याधुनिक राडार और अचूक निशाने से बचना दुश्मन के लिए नामुमकिन हो जाता है। इसके अलावा सेना के पास में दुश्मन देशों की मिसाइलों से बचने की भी तकनीक मौजूद है। सेना के पास रूस में निर्मित एस-400 और स्वदेशी आकाश एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम भी मौजूद हैं। इस बीच, आज हम आपकों बताएंगे भारत की सबसे ताकतवर मिलाइलों के बारे में..
भारतीय सेना के पास तीन वैरिएंट्स हैं। एक से तीन तक। तीनों परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। पृथ्वी सतह से सतह पर मार करने वाली टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी रेंज 150 किलोमीटर है। पृथ्वी-2 सतह से सतह पर मार करने वाले शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है। इसकी रेंज 250 से 350 किलोमीटर है। पृथ्वी-3 सतह से सतह पर मार करने वाली शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी रेंज 350 से 750 किलोमीटर है। इन तीनों को इंटीग्रेटेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत बनाया गया है। तीनों भारतीय सेना के लिए तैनात हैं। तीनों मिसाइलें 500 किलोग्राम से 1000 किलोग्राम वजन के परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं।
धनुष मिसाइल असल में पृथ्वी-3 का नौसैनिक वर्जन है। इसे सतह से सतह या शिप से शिप पर मार करने के लिए भारतीय नौसेना ने विकसित कराया है। धनुष पारंपरिक या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। 350 किलोमीटर की रेंज में 1000 KG, 600 किमी की रेंज में 500KG और 750 किमी रेंज में 250 KG वजन का हथियार ले जाने में सक्षम है। पारंपरिक हथियारों में ब्लास्ट, फ्रैगमेंटेशन, थर्मोबेरिक वेपन आते हैं, जो अलग-अलग कामों के लिए उपयोग किए जाते हैं।
भारतीय सेना की एक और खतरनाक बैलिस्टिक मिसाइल, जिसके सात छह वैरिएंट्स मौजूद हैं। सातवां तैयार हो रहा है। ये सभी वैरिएंट पारंपरिक या परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। रेंज के हिसाब से हथियार का वजन कम या ज्यादा किया जा सकता है। अग्नि-1 मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) है। इसकी रेंज 900 से 1200 किलोमीटर है। अग्नि-पी भी MRBM हैं जिसकी रेंज 1000 से 2000 किलोमीटर है। यह अभी तैयार की जा रही है।
यह एक हाइपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। यह पारंपरिक और परमाणु हथियार दोनों ले जा सकती है। यह 50 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है। इसकी रेंज 700 से 1900 किलोमीटर है। इसकी गति 9,190 किलोमीटर प्रतिघंटा है। यह अपने साथ 200 से 1000 किलोग्राम वजन के हथियार ले जा सकती है।
के-15 यानी सागरिका के दो वैरिएंट सर्विस में हैं और दो बनाए जा रहे हैं। ये सभी पारंपरिक और परमाणु मिसाइल ले जा सकते हैं। के-15 यानी सागरिका मिसाइल पनडुब्बी से दागी जाने वाली कम रेंज की सबमरीन से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (SR-SLBM) है। इसकी रेंज 750 किमी है। यह 9260 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दुश्मन की ओर बढ़ती है। दुश्मन को बचने का मौका भी नहीं मिलता।
ब्रह्मोस मिसाइल दुनिया की सबसे तेज उड़ने वाली सुपरसोनिक मिसाइल है। भारत में बनी इस मिसाइल के सात वैरिएंट मौजूद हैं। ये पारंपरिक और परमाणु हथियार दोनों से दुश्मन पर हमला कर सकती है। इन सबकी गति 3704 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इनकी रेंज 290 से 600 किलोमीटर तक है। ये सभी मिसाइलें भारतीय थल सेना, वायु सेना और जल सेना में सर्विस दे रही हैं। सिर्फ ब्रह्मोस एनजी और ब्रह्मोस-2 अभी बन रहे हैं। ब्रह्मोस-2 हाइपरसोनिक मिसाइल होगी जिसकी रेंज 600 से 1000 किलोमीटर होगी। इसकी गति 9878 किलोमीटर प्रतिघंटा हो सकती है।
लंबी दूरी की हर मौसम में मार करने वाली सबसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह 200 से 300 किलोग्राम वजनी पारंपरिक और परमाणु हथियार ले जा सकती है। इसकी गति 864 से 1111 किलोमीटर प्रतिघंटा तक जा सकती है। इसका उपयोग सतह से सतह पर मार करने के लिए किया जाता है। इसकी रेंज 1500 किलोमीटर तक है।
सतह से सतह पर मार करने वाली इस मिसाइल को बनाने की चर्चा तो है लेकिन पुख्ता तौर पर कहीं जानकारी नहीं है। यह एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल होगी। जिसकी रेंज 16 हजार किलोमीटर हो सकती है। बताया जाता है कि इसकी गति 33,100 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी। फिलहाल इस मिसाइल को लेकर सरकार या डीआरडीओ की तरफ से किसी भी तरह का आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है।