नयी दिल्ली, 18 नवंबर (भाषा) भारत पिछले 15 वर्षों में पहली बार अमेरिका में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र भेजने वाला देश बनकर उभरा है। सोमवार को जारी ‘ओपन डोर्स रिपोर्ट-2024’ की मानें तो अमेरिका के शिक्षण संस्थानों में फिलहाल 3.3 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय छात्र भेजने के मामले में चीन पहले, जबकि भारत दूसरे स्थान पर था।
‘ओपन डोर्स रिपोर्ट’ के मुताबिक, शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या “रिकॉर्ड” 3,31,602 पर पहुंच गई। यह संख्या शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से 23 फीसदी अधिक है, जब 2,68,923 भारतीय छात्र अमेरिका के शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई कर रहे थे।
‘ओपन डोर्स रिपोर्ट’ पर अमेरिकी दूतावास की ओर से साझा एक नोट के अनुसार, “भारत अब अमेरिका में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र भेजने वाला देश बन गया है। अमेरिका में पढ़ रहे कुल अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से 29 फीसदी भारत के हैं।”
नोट में कहा गया है, “2008-09 के बाद भारत पहली बार अमेरिका में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र भेजने वाला देश बनकर उभरा है। अमेरिका में भारत के 3,31,602 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और यह संख्या अब तक की सर्वाधिक है।”
‘ओपन डोर्स रिपोर्ट’ में दिए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में अमेरिका में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय छात्र भेजने वाले शीर्ष पांच देशों में भारत के अलावा चीन (2,77,398), दक्षिण कोरिया (43,149), कनाडा (28,998) और ताइवान (23,157) शामिल हैं।
अमेरिका में शैक्षणिक सत्र आम तौर पर सितंबर में शुरू होता है और मई तक चलता है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत लगातार दूसरे साल अमेरिका में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्नातक (स्नातकोत्तर और पीएचडी स्तर के छात्र) भेजने वाला देश बनकर उभरा है। इसमें कहा गया है कि 2023-24 में अमेरिका के शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने वाले भारतीय स्नातकों की संख्या पिछले शैक्षणिक वर्ष से 19 फीसदी बढ़कर 1,96,567 हो गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में भारत के ‘अंडरग्रेजुएट’ (स्नातक) छात्रों की संख्या भी 13 प्रतिशत बढ़कर 36,053 हो गई, जबकि गैर-डिग्री धारी छात्रों की तादाद 28 फीसदी की गिरावट के साथ 1,426 पर पहुंच गई।
‘ओपन डोर्स रिपोर्ट’ अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सप्ताह (आईईडब्ल्यू) की शुरुआत के मौके पर जारी की गई है। आईईडब्ल्यू का मकसद दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय शिक्षा और शैक्षणिक आदान-प्रदान के फायदों पर प्रकाश डालना है।
भाषा पारुल रंजन
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