जबलपुर: मध्यभारत में दिनों अचानक बदले मौसम के मिजाज के बाद कड़के की ठंड और कोहरे का प्रकोप लगातार जारी है। ठंड के चलते लोगों को जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं कोहरे के चलते यातायात व्यवस्था ठप्प है, कई ट्रेनें भी घने कोहरे के चलते प्रभावित हुए हैं। कोहरे ने भारतीय रेलवे के ‘त्रिनेत्र’ तकनीक भी फेल होते दिखाई दे रहा है। हालत ऐसे हैं कि रेलवे को कई ट्रेनों को रिशेड्यूल करना पड़ा है।
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दरअसल हर साल कोहरे के कहर से कैंसिल होने वाली ट्रेनों और देर होने वाली ट्रेनों की वजह से उत्तर भारत में करोड़ों यात्री प्रभावित होते हैं। इससे रेलवे को सैकड़ों करोड़ रुपए का सालाना नुकसान उठाना पड़ता है। इसको देखते हुए रेलवे ने रडार आधारित इंफ्रा-रेड और हाई रिजॉल्यूशन वाले कैमरों के इनपुट से लैस त्रिनेत्र सिस्टम लगने का फैसला लिया था। लेकिन वर्तमान हालात में रेलवे का त्रिनेत्र सिस्टम भी फेल हो गया है और कई ट्रेनों को रिशेड्यूल किया गया है।
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क्या है त्रिनेत्र सिस्टम
1. राडार के जरिए त्रिनेत्र को अपने सामने और आसपास मौजूद किसी भी तरह की वस्तु या जानवर, आदमी, पेड़ पौथे के बारे में घने कोहरे में भी जानकारी मिल जाती है।
2. डॉप्लर तकनीक पर काम करने वाले रडार सिस्टम से उस वस्तु के गतिशील होने या स्थिर होने का भी पता चलता है।
3.घने कोहरे में दूसरी तकनीक जिसका इस्तेमाल होता है वो है इंफ्रा-रेड कैमरा। कोहरे को भेदकर इंफ्रा-रेड के जरिए ये खास कैमरा किसी वस्तु के जीव जंतु होने या निर्जीव होने की भी जानकारी देता है।
4.तीसरी तकनीक जिसका इस्तेमाल त्रिनेत्र में होता है वो है हाई-रिजॉल्यूशन टेरेन कैमरा। इन तीनों तकनीकों के जरिए मिलने वाले इनपुट का विश्लेषण ताकतवर कंप्यूटर के जरिए करके इसके जरिए स्क्रीन पर फाइनल इमेज भेजी जाती है।
इन ट्रेनों को किया गया रद्द
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