पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल नहीं हुए भारतीय अधिकारी

पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल नहीं हुए भारतीय अधिकारी

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  • Publish Date - March 21, 2025 / 02:03 PM IST,
    Updated On - March 21, 2025 / 02:03 PM IST

नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) भारत स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रभारी (चार्ज डी’अफेयर्स) साद अहमद वराइच ने कहा है कि आपसी समझ बढ़ाकर, साझा चिंताओं को दूर कर और कश्मीर मुद्दे सहित ‘‘दीर्घकालिक विवादों’’ को हल करके पाकिस्तान एवं भारत के संबंधों में ‘‘नयी सुबह’’ लायी जा सकती है।

वराइच ने यह टिप्पणी बृहस्पतिवार रात को पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा देश के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में की। इस कार्यक्रम में भारत की ओर से कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था। यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान ने इस समारोह में भारतीय अधिकारियों को आमंत्रित किया था या नहीं।

पाकिस्तानी दूत ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की, जब कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ‘पॉडकास्ट’ में कहा था कि भारत की तरफ से शांति के हर प्रयास का जवाब पाकिस्तान ने शत्रुता एवं विश्वासघात से दिया और उन्होंने उम्मीद जताई थी कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि आएगी तथा वह शांति का मार्ग अपनाएगा।

भारत लगातार कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों जैसे संबंध चाहता है लेकिन साथ ही वह इस बात पर जोर देता रहा है कि इस तरह के संबंधों के लिए आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है।

भारत इस बात पर भी जोर देता रहा है कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान ने केंद्र शासित प्रदेश के कुछ हिस्सों पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।

पाकिस्तानी राजनयिक ने इस बात पर जोर दिया कि इस्लामाबाद ने ‘‘संप्रभु समानता, आपसी सम्मान और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व’’ के सिद्धांतों के आधार पर अन्य देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने के लिए लगातार प्रयास किया है।

उन्होंने कहा कि यही दृष्टिकोण ‘‘भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध स्थापित करने की पाकिस्तान की कोशिश’’ में उसका मार्गदर्शक रहा है।

वराइच ने कहा, ‘‘दक्षिण एशिया हमारा साझा घर है और उसे स्थिर शांति, समान सुरक्षा और साझा समृद्धि के साथ आगे बढ़ना चाहिए।’’

उन्होंने इसके लिए ऐसी रचनात्मक भावना की आवश्यकता पर जोर दिया जो साझा समाधानों के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को प्राथमिकता देती हो और जबरन परिणाम थोपने की कोशिश न करती हो।

वराइच ने कहा, ‘‘कूटनीति का मार्ग पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गया है।’’

पाकिस्तान की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, वराइच ने इस आयोजन को नवरोज के साथ मनाए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि वसंत का आगमन अनादि काल से आशा, नवीनीकरण और बदलाव का अग्रदूत रहा है।

वराइच ने कहा, ‘‘आपसी समझ को बढ़ाकर, साझा चिंताओं से निपटकर और जम्मू-कश्मीर सहित लंबे समय से जारी विवादों को हल करके पाकिस्तान-भारत संबंधों में एक नयी सुबह लाई जा सकती है।’’

पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के लड़ाकू विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर फरवरी 2019 में बमबारी किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था।

भारत द्वारा पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा किए जाने के बाद संबंध और भी खराब हो गए।

भारत और पाकिस्तान के बीच आठ वर्षों से कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई है लेकिन दोनों पक्ष बहुपक्षीय मंचों पर बातचीत कर रहे हैं।

भाषा सिम्मी नरेश

नरेश