बरेली: केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम को अधिसूचित किए जाने के कुछ घंटों बाद, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कहा कि उन्होंने खुद भी इस कानून का स्वागत किया है और समूचे मुस्लिम समाज को ऐसा करना चाहिए। उन्होंने लोगों के बीच डर को दूर करने की कोशिश की है। रिजवी ने दावा किया कि इस कानून से ने मुस्लिम समुदाय की नागरिकता की स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।”
रज़वी ने आगे दावा किया हैं कि भारत सरकार ने जो सीएए कानून लागू किया है इस कानून को लेकर मुसलमानों में गलतफहमियां हैं। पत्रकारों से बात करते मौलाना ने कहा कि इस कानून का मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है। इससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने के लिए कोई कानून नहीं था, जिन्हें धर्म के आधार पर अत्याचार का सामना करना पड़ा था’
मौलाना ने कहा पिछले वर्षों में देखा गया है कि विरोध प्रदर्शन हुए थे, ऐसा इसलिए था गलतफहमी की। कुछ राजनीतिक लोगों ने मुसलमानों के बीच गलतफहमियां पैदा की हैं। बकौल जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी भारत के हर मुसलमान को सीएए का स्वागत करना चाहिए।
खुद अमित शाह ने फरवरी में स्पष्ट शब्दों में कहा था कि सीएए नागरिकता प्रदान करने के लिए लाया गया था, किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं। शाह ने कहा था कि “हमारे देश में अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से हमारे मुस्लिम समुदाय को भड़काया जा रहा है। सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता क्योंकि अधिनियम में कोई प्रावधान नहीं है। सीएए शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने का एक अधिनियम है। उन अल्पसंख्यकों के लिए जिन्हे बांग्लादेश और पाकिस्तान में सताया गया हैं।