पर्वतारोही भावना डेहरिया ने द. अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी फतह कर बनाया नया कीर्तिमान, चोटी से दिया ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का संदेश

Indian mountaineer Bhavna Dehariya sets new record: भारतीय पर्वतारोही ने द. अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी चढ़ाई कर नया कीर्तिमान बनाया

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  • Publish Date - January 24, 2025 / 10:09 PM IST,
    Updated On - January 24, 2025 / 11:28 PM IST

न्यूयॉर्क: Indian mountaineer Bhavna Dehariya sets new record, भारतीय पर्वतारोही भावना डेहरिया ने अर्जेंटीना में दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी एकॉनकागुआ चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर नया कीर्तिमान बनाया।एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली डेहरिया ने बुधवार को 6,961 मीटर ऊंची चोटी एकॉनकागुआ पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की।

यह उपलब्धि डेहरिया के ‘सात शिखरों’ को फतह करने के मिशन में पांचवीं चोटी को चिह्नित करती है, जिसमें प्रत्येक महाद्वीप पर सबसे ऊंचे पर्वतों पर चढ़ाई करना शामिल है। वह आज तक एवरेस्ट की चोटी (एशिया), किलिमंजारो (अफ्रीका), कोसियस्जको (ऑस्ट्रेलिया) और एल्ब्रस (यूरोप) की – इसके पश्चिम और पूर्व दोनों शिखरों पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुकी हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह अभियान ‘‘एंडीज पर्वतमाला में दो सप्ताह की कठिन यात्रा का समापन है तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जनवरी 2015 में शुरू किए गए भारत के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान की 10वीं वर्षगांठ का जश्न मनाता है।’’

डेहरिया अपनी बेटी सिद्धि मिश्रा के साथ इस अभियान की ब्रांड एंबेसडर हैं। यह सम्मान उन्हें भारत के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सिद्धि मिश्रा ने पिछले साल अपनी मां के साथ एवरेस्ट आधार शिविर तक पहुंचने वाली सबसे कम उम्र की बच्ची बनकर इतिहास रच दिया था।

डेहरिया ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान मेरी यात्रा में एक मार्गदर्शक रहा है। यह हमें याद दिलाता है कि हर लड़की को आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए, जैसा कि मुझे एकॉनकागुआ में मिला।’’

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कैसे शुरु हुई माउंट एकांकागुआ की यात्रा?

भावना की एकांकागुआ की यात्रा 11 जनवरी 2025 को होर्कोनेस वैली के रास्ते से शुरू हुई। यह एकांकागुआ पर्वत पर चढ़ने का सीधा रास्ता है। एकांकागुआ नेशनल पार्क से शुरू करके, भावना और उनकी टीम पहले कॉन्फ्लुएंसिया बेस कैंप पहुंची। वहां से प्लाजा फ्रांसिया (4,300 मीटर) तक जाकर वे मौसम के अनुसार होने की तैयारी करने लगे।

अगले कुछ दिनों में टीम ने कई पड़ावों को पार किया- प्लाजा डी मूलस बेस कैंप (4,300 मीटर), कैंप निडो डी कॉन्डोरेस (5,365 मीटर), और कैंप कोलेरा (6,000 मीटर)।

रास्ते में भावना और उनकी टीम को बेहद खराब मौसम का सामना करना पड़ा। तापमान -13°C से -27°C तक गिर गया। खराब मौसम के कारण उन्हें बेस कैंप में दो दिन और कैंप-2 में एक दिन ज्यादा रुकना पड़ा। आखिरकार 22 जनवरी को, कैनालेटा सेक्शन की चुनौतियों को पार करते हुए भावना ने एकांकागुआ की चोटी पर कामयाबी हासिल की।
बता दें कि यह उनकी दूसरी कोशिश थी। 2019 में वे 6,500 मीटर तक पहुंची थीं, लेकिन खराब मौसम के कारण वापस लौटना पड़ा था। इस बार उन्होंने अपनी पहली कोशिश की कमी को पूरा किया और इतिहास रच दिया।

जेपी ग्रुप और दिलीप बिल्डकॉन ने इस सफर में मदद की

इस अभियान को जेपी ग्रुप और दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड ने अपनी मदद से संभव बनाया। इन कंपनियों ने भावना को पूरा सहयोग दिया, ताकि वे दुनिया के पर्वतारोहण के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन कर सकें।
“अगर मैं कर सकती हूं, तो हर बेटी कर सकती है”

भावना का कहना है कि “मैं सभी बेटियों को कहना चाहती हूं कि आपको अपने जीवन में हौसला रखना चाहिए, इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। अगर मैं कर सकती हूं, तो हर बेटी कर सकती है।”

भावना ने कई वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाए हैं। वे अपनी कहानी से दूसरों को प्रेरणा देती हैं और साबित करती हैं कि मन में ठान लें तो कोई भी लक्ष्य पा सकते हैं।

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सोशल मीडिया पर इन्होने दी बधाई

• डॉ. मोहन यादव (मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री),