नई दिल्ली: Indian Air Force will remove all MiG-21s : राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 के क्रैश होने से 2 पायलट शहीद हो गए थे। इस दुर्घटना के बाद से ही पुराने हो चुके मिग विमान एक बार फिर चर्चा में हैं। इसी बीच भारतीय वायुसेना ने बड़ा कदम उठाने का फैलसा लिया है। भारतीय वायुसेना ने उनके पास मौजूद चार मिग-21 लड़ाकू स्क्वाड्रन को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए अगले तीन वर्षों की समयसीमा तय की है। इनमें से एक स्क्वाड्रन को इसी साल सितंबर में हटाए जाने की उम्मीद है। वायुसेना ने अगले पांच वर्षों में मिग-29 लड़ाकू विमानों के तीन स्क्वाड्रन को भी चरणबद्ध तरीके से हटाने की योजना बना रही है।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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Indian Air Force will remove all MiG-21s : वायुसेना की तरफ से बताया गया कि, इस कदम का राजस्थान के बाड़मेर में कल रात हुई मिग-21 की दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है। यह बस सोवियत मूल के विमान बेड़े को चरणबद्ध तरीके से हटाने की योजना वायुसेना के आधुनिकीकरण अभियान का हिस्सा है।
Indian Air Force will remove all MiG-21s : घटनाक्रम के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि 2025 तक मिग-21 के चारों स्क्वाड्रन को बेड़े से हटाने की योजना है। श्रीनगर स्थित स्क्वाड्रन नंबर 51 के लिये 30 सितंबर की ‘नंबर प्लेट’ तैयार होगी। ‘नंबर प्लेट’ का संदर्भ एक स्क्वाड्रन को हटाए जाने से होता है। एक स्क्वाड्रन में आम तौर पर 17-20 विमान होते हैं।
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Indian Air Force will remove all MiG-21s : इस स्क्वाड्रन को ‘सोर्डआर्म्स’ के तौर पर भी जाना जाता है। यह 1999 के करगिल युद्ध के दौरान ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ के अलावा भारत द्वारा किये गये बालाकोट हवाई हमले के एक दिन बाद पाकिस्तान की तरफ से 27 फरवरी 2019 को की गई जवाबी कार्रवाई के खिलाफ अभियान में भी शामिल थी। विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान स्क्वाड्रन नंबर 51 से ही थे और उन्होंने हवाई झड़प के दौरान दुश्मन के एक लड़ाकू विमान को मार गिराया था।
वायुसेना के बेड़े में फिलहाल करीब 70 मिग-21 लड़ाकू विमान और 50 मिग-29 विमान हैं। मिग-21 लंबे समय तक भारतीय वायुसेना के मुख्य लड़ाकू विमान रहे हैं। हालांकि, विमान का हाल का सुरक्षा रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। वायुसेना के बेड़े में मिग विमान 1963 से हैं।